मध्य प्रदेश,29दिसंबर 2024 | मध्य प्रदेश के गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र स्थित पिपल्या गांव में शनिवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब 10 वर्षीय सुमित मीणा पतंग उड़ाते हुए खुले बोरवेल में गिर गया। 16 घंटे लंबी रेस्क्यू प्रक्रिया के बाद उसे बाहर तो निकाला गया, लेकिन गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचने पर उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। शनिवार शाम को 10 वर्षीय सुमित मीणा अपने घर के पास खेत में पतंग उड़ा रहा था, तभी उसका संतुलन बिगड़ने और असावधानी के कारण वह बोरवेल में गिर गया। यह बोरवेल करीब 45 फीट गहरा था, जिसमें पानी भी भरा हुआ था। सुमित 39 फीट की गहराई पर फंसा हुआ था, और पानी उसके गले तक पहुंच चुका था। इस घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और रेस्क्यू टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंच गई और बचाव कार्य शुरू कर दिया।
रेस्क्यू ऑपरेशन-
गुना प्रशासन और एसडीआरएफ (सातवां राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम ने रात भर अपनी कोशिशें जारी रखीं। सबसे पहले जेसीबी मशीन से बोरवेल के पास गड्ढा खोदा गया, ताकि सुमित को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। साथ ही, पाइप के माध्यम से उसे ऑक्सीजन भी दी गई। सुबह तक इस गड्ढे को खोदने का काम पूरा किया गया, और टीम ने समानांतर गड्ढा खोद कर सुमित को बोरवेल से बाहर निकाला।
मौत का कारण-
बोरवेल सकरा होने और ठंड के कारण बच्चे को हाइपोथर्मिया हो गया था, जिस वजह से बच्चे के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। सुमित को बोरवेल से बाहर निकालने के बाद उसे तत्काल एंबुलेंस से गुना जिला अस्पताल भेजा गया। यहां डॉक्टरों ने उसका गहन परीक्षण किया और देर बाद उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल के सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) राजकुमार ने बताया कि “सुमित का शरीर करीब 16 घंटे तक पानी में डूबा रहा, जिससे उसे हाइपोथर्मिया (कम तापमान में शरीर के अंगों का कार्य करना बंद कर देना) हो गया था। इसके कारण उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया और इलाज के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।”
गुना जिले के कलेक्टर, एसडीएम और रेस्क्यू टीम ने इस घटना में भरपूर सहयोग किया। सीएमएचओ राजकुमार ने कहा कि “हमने बच्चे को बचाने के लिए पूरी कोशिश की, लेकिन 16 घंटे पानी में डूबे रहने के कारण उसका शरीर पूरी तरह से सुस्त हो गया था।”