रवि शास्त्री ने बताया ट्रेविस हेड की सफलता का राज, बोले – ‘भारत को जल्द ढूंढना होगा उनका तोड़ा’

नई दिल्ली ,22 दिसंबर 2024। भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने इस बारे में बात की है कि किस तरह भारतीय टीम को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ट्रेविस हेड के सामने गेंदबाजी करने में दिक्कत हो रही है। हेड इस सीरीज में शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और उन्होंने दूसरे तथा तीसरे टेस्ट में शतक जड़ा था। हेड अब तक इस सीरीज में 81.80 के औसत और 94.23 के स्ट्राइक रेट से 409 रन बना चुके हैं।

शानदार फॉर्म में चल रहे हैं हेड
सीरीज की अपनी पहली पारी में 11 रन पर आउट होने के बाद हेड ने अपने अगले तीन मैचों में 89, 140 और 152 रन बनाए हैं। उन्होंने पिंक बॉल के टेस्ट में अहम भूमिका निभाई थी जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से जीत दर्ज कर 1-1 से बराबरी हासिल की थी। शास्त्री का मानना है कि शॉर्ट बॉल को जल्दी परखने की क्षमता ने हेड को मौजूदा सीरीज में सफलता दिलाई है।

आईसीसी रिव्यू कार्यक्रम में शास्त्री ने कहा, मुझे लगता है कि हेड बहुत स्मार्ट हैं। मैंने उन्हें तीन साल पहले देखा था लेकिन अब लगता है कि उनमें काफी सुधार हुआ है। विशेष रूप से वह जिस तरह शॉर्ट बॉल को खेलते हैं। वह इसे छोड़ने के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने कई बार इसे अच्छी तरह छोड़ना भी सीख लिया है।

पूर्व भारतीय कोच ने कहा कि गेंद की लाइन लेंथ को जल्दी से परखने की क्षमता हेड को सही स्ट्रोक खेलने का समय देती है। शास्त्री ने कहा, ऐसा नहीं है कि हमेशा शॉर्ट गेंद पर बड़ा शॉट लगाना होता है। वह या तो इसे छोड़ने या बड़े शॉट लगाने के लिए तैयार रहते हैं। और अगर गेंद मिडिल या ऑफ स्टंप है, तो वह इसे स्क्वायर के सामने भी मारते हैं। हेड लेंथ अच्छी तरह पकड़ लेता है। यह उनकी सबसे बड़ी ताकत है। और उनके पास ऑफसाइड के लिए शानदार शॉट होते हैं। इसलिए उन्हें रोकना मुश्किल है और वह अपनी जिंदगी की सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं।

शास्त्री ने मजाकिया अंदाज में कहा कि भारत ट्रेविस नामक ‘सिरदर्द’ के लिए दवाई की तलाश कर रहा है। शास्त्री ने कहा, उनका नया उपनाम ट्रेविस ‘हेड’‘एक’ (इंग्लिश में सरदर्द) है। वे भारत में उनके लिए दवाई की तलाश कर रहे हैं। पैर की समस्याओं, टखने की समस्याओं, यहां तक कि सिरदर्द के लिए वे मरहम की तलाश कर रहे हैं। वह इसके लिए आदर्श हैं।