उज्जैन, 5 अगस्त । श्रावण मास का तीसरा सोमवार उज्जैन में नई आभा लेकर आया। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर के महाकाल लोक स्थित शक्तिपथ पर 1500 डमरू वादकों ने मनमोहक लयबद्ध प्रस्तुति देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। भगवान भोलेनाथ के प्रिय वाद्य यंत्र डमरू के नाद से अवंतिका नगरी गूंज उठी। उज्जैन में 1500 वादकों ने डमरू वादन कर फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन न्यूयॉर्क के 488 डमरू वादन का रिकॉर्ड तोड़ा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहल पर उज्जैन ने डमरू वादन का विश्व कीर्तिमान रचा। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एडिटर ऋषिनाथ ने मरु वादन के वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने डमरू वादन के विश्व रिकॉर्ड के लिए उज्जैन को बधाई और शुभकामनाएं दीं
शक्तिपथ पर 25 दलों के 1500 डमरु वादकों ने भस्म आरती की धुन पर 10 मिनट तक डमरु वादन कर भगवान महाकाल की स्तुति की। गिनीज बुक विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए एक साथ 1500 कलाकार भगवान शिव को प्रिय वाद्य डमरू, झांझ मंजीरे की सुरमयी मंगल ध्वनिआकर्षण का केंद्र बन गई। समूची उज्जैन नगरी डमरू की गूंज से गुंजायमान हो गई। महाकाल महालोक के सामने शक्तिपथ पर अदभुत अनूठे आयोजन में भगवा वस्त्रों में डमरू वादक कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति ने सभी को भाव विभोर किया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव के विशेष पहल से बाबा महाकाल की सवारी और भी भव्य व दिव्य होती जा रही है। उन्होंने सवारी को भव्यता प्रदान करने के लिए अनूठे प्रयास किए हैं। बाबा महाकाल की विगत दो सवारी में जनजातीय लोकनृत्यों और 350 सदस्यीय पुलिस बैंड की प्रस्तुति दी गई। तृतीय सोमवार को निकाली तीसरी सवारी में डमरू का वादन किया गया।
महाकाल लोक के रुद्रसागर के समीप शक्तिपथ पर आयोजित डमरू वादन के कार्यक्रम में सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सांसद उमेशनाथ महाराज, विधायकगण अनिल जैन कालूहेडा व सतीश मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, राजेश सिंह कुशवाह, नरेश शर्मा, विवेक जोशी, पुजारी आशीष शर्मा, प्रदीप गुरु तथा संभागायुक्त संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक मृणाल मीना सहित अन्य जनप्रतिनिधि, संतजन एवं दर्शक उपस्थित रहे।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण-पत्र भगवान महाकाल को अर्पित किया
उज्जैन में 1500 डमरू वादन का विश्व कीर्तिमान रचा गया। डमरू वादन में गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र को भगवान महाकाल को अर्पित किया गया।
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