राज्यपाल ने कार्यक्रम में राष्ट्रीय सम्मान और पुरस्कार प्रदान किये
गणतंत्र के उत्सव “लोकरंग” में दिखेगी विमुक्त एवं घुमंतू संस्कृति की झलक
भोपाल, 26 जनवरी । राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गणतंत्र का उत्सव ‘लोकरंग’ में साहित्यकारों को राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित किया। गणतंत्र दिवस समारोह के विजेताओं को पुरस्कृत किया। संस्कृति विभाग के द्वारा तैयार किये गये एप का डिजीटली लोकार्पण किया। राज्यपाल श्री पटेल ने दीप प्रज्ज्वलन कर ‘लोकरंग’ उत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने रविन्द्र भवन में कलात्मक दीपों की प्रदर्शनी ‘अभ्यर्थना’ का अवलोकन किया। इस अवसर पर जनजातीय जीवन और शिल्प कला की जीवंत प्रस्तुतियों का भी प्रदर्शन किया गया था। राज्यपाल ने विमुक्त एवं घुमंतू विषय पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन कर समुदाय की संस्कृति को करीब से जाना। संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, संस्कृति संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी भी मौजूद थे।
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राष्ट्रीय सम्मान से किया अलंकृत
राज्यपाल श्री पटेल और मंत्री सुश्री ठाकुर ने राष्ट्रीय कबीर सम्मान वर्ष 2021 से हिन्दी के क्षेत्र में सुदीर्घ उत्कृष्ट सृजनात्मक अवदान के लिए डॉ. श्याम सुन्दर दुबे को विभूषित किया। राष्ट्रीय मैथिली शरण गुप्त सम्मान वर्ष 2021 से हिन्दी साहित्य के शोधपरक लेखन और उत्कृष्ट सृजनात्मक सुदीर्घ अवदान के लिए डॉ. सदानंद प्रसाद गुप्त को विभूषित किया। राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान वर्ष 2021 से ललित निबंध के क्षेत्र में प्रासंगिक अध्ययनपरक अभिव्यक्ति के लिए डॉ. श्रीराम परिहार को विभूषित किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय इकबाल सम्मान वर्ष 2021 डॉ. सैयद तकी हसन आबिदी की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि को प्रदान किया गया। राष्ट्रीय नानाजी देशमुख सम्मान वर्ष 2021 से संस्था जनजाति कल्याण केन्द्र महाकोशल, बरगाँव डिण्डोरी को समाज सेवा के क्षेत्र में बुनियादी एवं सार्थक सरोकारों को केन्द्र में रखकर किये जा रहे व्यावहारिक कार्यों के लिए विभूषित किया।
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एमपी कल्चर एप
राज्यपाल श्री पटेल और मंत्री सुश्री ठाकुर ने संस्कृति विभाग के एम.पी. कल्चर एप का रिमोट का बटन दबा कर शुभारंभ किया। एम.पी. कल्चर एप में संस्कृति विभाग के आयोजनों की जानकारी मिलेगी। कार्यक्रम की लाइव लिंक भी एप में उपलब्ध रहेगी। साथ ही प्रदेश की विभिन्न कला विधाओं की जानकारी भी एप से प्राप्त हो सकेगी। एम.पी. कल्चर एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है, जिसे फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है।
गणतंत्र दिवस परेड और झांकियों के राज्य स्तरीय पुरस्कार
राज्यपाल श्री पटेल और मंत्री सुश्री ठाकुर ने परेड, लोक-नृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और झांकियों के विजेताओं को ट्रॉफी और प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। झांकियों में पहला स्थान जेल विभाग, दूसरा स्थान पर्यटन विभाग और तीसरा स्थान वन विभाग ने प्राप्त किया। सैन्य दलों की श्रेणी में पहला स्थान हॉक फोर्स, दूसरा विशेष सशस्त्र बल और तीसरा स्थान एसटीएफ प्लाटून को प्रदान किया गया। असैन्य दल की श्रेणी में पहला स्थान भूतपूर्व सैनिक, दूसरा एनसीसी एयर विंग, तीसरा स्थान संयुक्त रूप से सीनियर डिविजन एनसीसी आर्मी विंग (गर्ल्स) और एनसीसी नेवल विंग को प्रदान किया गया। विद्यालयों में पहला स्थान शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, दूसरा हेमा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भेल और तीसरा स्थान मानसरोवर पब्लिक स्कूल ने प्राप्त किया। लोक नृत्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में पहला स्थान भील भगोरिया जनजातीय लोक नृत्य, दूसरा स्थान कोरकू थाटिया लोक नृत्य और तीसरा स्थान गुदुम बाजा लोक नृत्य को मिला।
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राजस्थान के कालबेलिया समुदाय पर केंद्रित ‘चरैवेति’ नृत्य नाटिका की हुई प्रस्तुति
लोकरंग में राजस्थान समुदाय के कालबेलिया समुदाय के जीवन पर एकाग्र ‘चरैवेति’ समवेत नृत्य नाटिका की प्रस्तुति हुई। इसमें कालबेलिया समुदाय की जीवन परंपरा, संस्कृति को दिखाया गया। नृत्य नाटिका का निर्देशन भोपाल के ख्यात रंगकर्मी और अभिनेता श्री रामचंद्र सिंह ने किया। प्रस्तुति में लगभग 100 कलाकारों ने प्रदर्शन किया। नाटिका में सूत्रधार के रूप में ख्यात अभिनेत्री सुश्री हिमानी शिवपुरी ने किया। नृत्य नाटिका का आलेख श्री योगेश त्रिपाठी-रीवा और सुश्री अदिति गौड़-भोपाल द्वारा तैयार किया गया।
रवींद्र भवन परिसर, भोपाल में 30 जनवरी तक लोकरंग उत्सव मनाया जायेगा। लोकरंग के केंद्र में विमुक्त एवं घुमंतू विषय को रखा गया है। लोकरंग में यूक्रेन, यूके, इजिप्ट के साथ देश के 12 राज्य के लोक नृत्य की प्रस्तुतियाँ होंगी। लोकरंग उत्सव में विविध शिल्प माध्यमों के शिल्पों का मेला “हुनर”, कलात्मक दीपकों की प्रदर्शनी “अभ्यर्थना”, कला एवं संस्कृति विषयक पुस्तकों का “पुस्तक मेला”, देशज व्यंजन “स्वाद” प्रदर्शनी, गायन प्रस्तुति पर “लोकराग” भी मुख्य आकर्षण हैं। लोकरंग में सभी का प्रवेश निःशुल्क रहेगा।
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