BREAKING NEWS : नहीं पता था फ्री मिलती है एंबुलेंस, हाथ ठेले पर मां को अस्पताल लेकर पहुंचा बेटा, वीडियो वायरल

मध्यप्रदेश,16अक्टूबर | मध्यप्रदेश के हरदा जिले में अपनी बीमार मां को इलाज के लिए ठेले पर ले जाते हुए युवक का एक वीडियो वायरल हो रहा है। मामला शनिवार का है। गरीब होने के कारण युवक के पास मोबाइल नहीं है। साथ ही अनपढ़ होने के कारण उसे ये भी नहीं पता है कि किसे कॉल करने पर एम्बुलेंस फ्री आएगी। मां की तबियत खराब होने और ऑटो नहीं मिलने के कारण बेटा अपने दोस्त के साथ ठेले पर  माँ को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा, जिसके बाद जिला अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती कर बुजुर्ग महिला का उपचार किया जा रहा है। मां की हालत ठीक है।

मध्यप्रदेश के हरदा जिले के शहर के गोलापुरा टंकी मोहल्ले का रहने वाला शिवकुमार मिश्रा की 65 वर्षीय माँ राधाबाई की तबीयत पिछले 4-5 दिनों से खराब थी। शनिवार को बुजुर्ग महिला की तबीयत ज्यादा खराई हो गई। उसने आस-पास के लोगों से मदद मांगी लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। युवक ने ऑटो वाले से भी मां को अस्पताल छोड़ देने की गुहार लगाई। उसने भी मदद से इंकार कर दिया। इधर मां की तबीयत लगातार बिगड़ते जा रही थी। इसके बाद युवक ने मां की जान बचाने के लिए दोस्त की मदद के बीमार मां को ठेले पर लिटाया और ठेले को दौड़ाते हुए दो किमी दूर अस्पताल लेकर पहुंचे। 

हरदा जिले अस्पताल के डॉ. एचपी सिंह (सीएचएमओ) का कहना है कि, महिला को ठेले पर अस्पताल लाने की सूचना मिलते ही तत्काल स्ट्रेचर से वार्ड में ले जाया गया और उनकी जांच कराई गई। महिला का उपचार किया जा रहा है। वर्तमान में जिले में 19 एंबुलेंस उपलब्ध हैं। जिसमें से 4 को छोड़कर सभी चल रही हैं। यदि अस्पताल प्रबंधन को सूचना मिलती तो तुरंत एंबुलेंस भेज दी जाती। इस तरह के मामलों में आस-पड़ोस के लोगों को मदद करनी चाहिए ताकि किसी को इस तरह से परेशानी ना उठानी पड़े।

शिवकुमार का कहना है कि जब मैं अपनी मां से मिलने पहुंचा तो मां की तबीयत ज्यादा खराब थी आस पड़ोस के लोगो से मदद मांगी  उन्होंने नही की ,इसके बाद मैंने उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए ऑटो वालों को भी मदद के लिए बुलाया, लेकिन काफी देर तक कोई नहीं आया। इसी दौरान मुझे किसी ने यह नहीं बताया कि अस्पताल ले जाने के लिए निःशुल्क एंबुलेंस मिल जाती है। अगर कोई बता देता या एंबुलेंस बुला देता तो मैं ठेले पर लेकर नहीं आता। ऐसे में मां को मैं हाथ ठेले से अस्पताल लेकर आया हूं।