अब प्रयागराज के प्रसिद्ध मंदिरों में मिठाई चढ़ाने पर लगा दी गई रोक, नारियल, फल और सूखे मेवे लेकर जाए श्रद्धालु…

तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलने के बाद से देशभर के मंदिरों में हड़कंप मचा है। अशुद्ध प्रसाद चढ़ाए जाने के विवाद के बीच प्रयागराज के प्रसिद्ध ललितादेवी मंदिर के मुख्य पुजारी शिव मूरत मिश्र ने बड़ा फैसला लिया है। पुजारी ने प्रयागराज के प्रमुख मंदिरों में मिष्ठान-लड्डू, पेड़े आदि चढ़ाने पर रोक लगा दी है। पुजारी ने मिठाइयों की जगह मंदिर में नारियल, फल और सूखे मेवे लाने का आग्रह किया है। 

मंदिर परिसर में दुकान खोलने की योजना 


पुजारी शिव मूरत मिश्र ने कहा कि मंदिर परिसर में ही दुकानें खोलने की योजना है। जहां श्रद्धालुओं को शुद्ध मिठाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी। अलोप शंकरी देवी मंदिर के मुख्य संरक्षक और श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव यमुना पुरी महाराज ने कहा कि 52 शक्तिपीठों में से एक अलोप शंकरी देवी मंदिर में संपूर्ण भारत वर्ष से श्रद्धालु आते हैं। फिलहाल श्रद्धालुओं के बाहर से मिष्ठान प्रसाद लाने पर रोक लगाई गई है।

जांच के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा 


मनकामेश्वर मंदिर के महंत श्रीधरानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि तिरुपति लड्डू विवाद के बाद हमने मनकामेश्वर मंदिर में बाहर से प्रसाद लाने पर रोक लगा दी है। मंदिर के बाहर की दुकानों में मिलने वाले लड्डू-पेड़े की जांच कराने के लिए हमने कलेक्टर को पत्र लिखा है। जब तक जांच में मिठाइयों की शुद्धता स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक मंदिर में इन्हें चढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

क्या है तिरुपति लड्डू विवाद
तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद के रूप में बांटे जाने वाले लड्डुओं में कथित रूप से जानवरों की चर्बी, बीफ टैलो, सूअर की चर्बी और मछली के तेल मिलने की बात सामने आई है। गुजरात के एक फूड टेस्टिंग लैब ने इसकी पुष्टि की है। तेलंगाना के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने इसके लिए पिछली वाईएसआर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस बीच केंद्र सरकार ने तिरुपति लड्डू में मिलावट पर तेलंगाना सरकार से जवाब मांगा है।