राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन, लखनऊ के एसजीपीजीआई में ली अंतिम सांस

लखनऊ,12 फ़रवरी 2025: अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का आज लखनऊ के एसजीपीजीआई में निधन हो गया। अस्पताल ने इसकी पुष्टि की है। उन्हें 3 फरवरी को एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था और स्ट्रोक आने के बाद वह न्यूरोलॉजी वार्ड एचडीयू में थे।

पीजीआई निदेशक डाॅक्टर आरके धीमान के मुताबिक, डाॅक्टरों निगरानी में लगातार उनका इलाज चल रहा था। ब्रेन स्ट्रोक के अलावा सत्येंद्र दास को कई अन्य बीमारियां भी थीं। काफी प्रयास के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कुछ दिन पहले पहुंचकर उनका कुशलक्षेम पूछा था।

रामनगरी में शोक की लहर
राम मंदिर ट्रस्ट ने सत्येंद्र दास के निधन पर शोक जताया है। रामनगरी के मठ मंदिरों में भी शोक की लहर है। बीते दिनों स्वास्थ्य खराब होने के बाद पीजीआई में भर्ती कराए गए थे। लखनऊ पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था। राम मंदिर ट्रस्ट ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन की पुष्टि की है।
बुधवार को माघ पूर्णिमा के पवित्र दिन सुबह सात बजे के लगभग श्री रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास महाराज ने पीजीआई, लखनऊ में अंतिम सांस ली। वे वर्ष 1993 से श्रीरामलला की पूजा कर रहे थे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय और मंदिर व्यवस्था से जुड़े अन्य लोगों ने मुख्य अर्चक के देहावसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।

राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी और अयोध्या राज परिवार के अगुवा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉ. अनिल मिश्र और गोपाल जी ने निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्रीराम मंदिर अयोध्या के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के निधन पर दुख जताया है। सीएम योगी ने लिखा कि परम रामभक्त, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र कुमार दास महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं सामाजिक व आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!।