26दिसंबर 2024 | आवासीय बाजार में तेजी से 2030 तक नए मकान खरीदारों में मिलेनियल्स और जेनरेशन जेड की हिस्सेदारी 60 फीसदी होगी। रियल एस्टेट सेवा फर्म जेएलएल ने एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। इसमें कहा गया है कि सस्ते वित्तपोषण विकल्पों और आवास बाजार में प्रवेश करने वाले युवाओं से रियल एस्टेट बाजार को समर्थन मिलेगा। शहरी क्षेत्रों में मकानों का मालिकाना औसत 2025 तक बढ़कर 72 फीसदी पहुंच जाएगा, जो 2020 में 65 फीसदी रहा था। मिलेनियल्स का मतलब उस पीढ़ी है, जो 1981 से 1996 के बीच पैदा हुई। जेनरेशन जेड 1990 के दशक के मध्य से लेकर और 2010 के दशक की शुरुआत के बीच पैदा हुए हैं।
इस साल 85 फीसदी अधिक मकान बिके
रिपोर्ट में कहा गया है कि सस्ते आवास की पहलों के साथ स्मार्ट मकानों की मांग से बाजार की रफ्तार बढ़ी है। देश में बजट के अनुकूल आवास एक प्रमुख फोकस बना हुआ है। 2023 में बिके मकानों की तुलना में 2024 में 85 फीसदी अधिक आवास बेचे गए हैं।
आवासीय बाजार के विकास में छोटे शहरों की होगी भूमिका
भारत का आवासीय बाजार 2025 तक अच्छे परिवर्तन के लिए तैयार है। यह तेजी से शहरीकरण, तकनीकी खोजपरक और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं से प्रेरित है।
टियर-2 और टियर-3 शहर विकास के केंद्र के रूप में उभर रहे हैं। इसमें जयपुर, इंदौर व कोच्चि जैसे छोटे शहरों में 2025 तक 40 फीसदी से अधिक नए मकान बनेंगे।
जीडीपी में 13 फीसदी होगा क्षेत्र का योगदान
जेएलएल के मुताबिक, घरेलू आवासीय क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान 2025 तक बढ़कर 13 फीसदी पहुंच सकता है। 2030 तक इस क्षेत्र का आकार एक लाख करोड़ डॉलर के होने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रियल एस्टेट क्षेत्र जनसांख्यिकीय बदलावों, नीतिगत सुधारों और वैश्विक रुझानों से विकसित हो रहा है। 2025 तक ग्रीन प्रमाणित इमारतों की हिस्सेदारी 30 फीसदी होने की उम्मीद है, जो 2020 के 15 फीसदी से दोगुनी होगी।