जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते आईटी कॉलेज होगा बंद -सिन्हा

कोरबा 15 जून (वेदांत समाचार)।सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र कोरबा जहां ऊर्जा व काले हीरे से भरपूर खनिज संपदा व भारतीय एल्मुनियम कंपनी जो देश की शान है कोरबा औद्योगिक नगरी को आकर्षित करते रही है कोरबा एक मिनी भारत के रूप में स्थापित है जहां देश के सभी राज्यों के नागरिक निवास करते हैं कोरबा विशेष अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है वर्षो से कोरबा शिक्षा के क्षेत्र में उपेक्षित रहा है आज भूमि के अभाव में आईटी कॉलेज मे मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रदेश सरकार की योजना है इस योजना के तहत तत्काल भूमि स्थान उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में आईटी कॉलेज को अधिग्रहित किया जा रहा है जो आने वाले समय में तकनीकी शिक्षा से कोरबा पिछड़ जाएगा।


सिन्हा ने आगे बताया कि कोरबा जिला में तकनीकी शिक्षा के लिए जैसे आईटी कॉलेज व ट्रिपल आईटी स्थापना के लिए पूर्व में कोरबा के नागरिकों ने संघर्ष किया था जिसके परिणामस्वरूप आईटी कॉलेज मिली लेकिन ट्रिपल आईटी कॉलेज कोरबा के बजाय प्रदेश की राजधानी रायपुर चला गया आईटी कॉलेज की व्यवस्था संचालन सही ढंग से नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष छात्रों की नामांकन कम होता गया इसके पीछे जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा व जनजागरण के अभाव का शिकार आईटी कॉलेज हुआ जो आज बंद होने के कगार पर पहुंच गया है अब कोरबावासी तकनीकी शिक्षा में ट्रिपल आईटी या अन्य तकनीकी से संबंधित कोई भी कॉलेज खुलवाने की मांग कैसे करेंगे जब शासन की ओर से आईटी कॉलेज दिया गया उस आईटी कॉलेज को व्यवस्थित ढंग से सर्व सुविधा युक्त नहीं होने के चलते छात्रों ने एडमिशन में रूचि नहीं ली और कोरबा की जनता जनप्रतिनिधि यह सभी लोग आईटी कॉलेज को बिखरते टूटते देख रहे हैं जो आने वाले कोरबा पीढ़ी के लिए तकनीकी शिक्षा से वंचित होना लाजमी है भविष्य में हमारे आने वाले पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी।