मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प में सहयोग के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। निवेश प्रोत्साहन को प्राथमिकता देते हुए राज्य शासन द्वारा वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष में मनाने का निर्णय लिया गया है। रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव, स्थानीय उद्योगों की समस्याओं का समाधान कर उन्हें प्रोत्साहित करते हुए प्रदेश व देश की अर्थव्यवस्था की उन्नति में उनकी उद्यमशीलता के योगदान को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही हैं। जबलपुर में होने वाले इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव से जबलपुर व आसपास के जिलों की औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार स्थानीय उद्यमियों के साथ बाहर के उद्यमियों को जोड़कर प्रदेश के सभी अंचलों में समान विकास सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है। कृषि, रोजगार, व्यापार और पर्यटन आदि क्षेत्र में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार रोजगारमूलक गतिविधियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 20 जुलाई को जबलपुर में होने वाली रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के संबंध में समत्व भवन से जबलपुर, कटनी, मंडला, डिंडौरी और नरसिंहपुर के औद्योगिक संघों के पदाधिकारियों व उद्योगपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कर रहे थे।
फर्नीचर क्लस्टर, खाद्य प्र-संस्करण आधारित उद्योगों और माइनिंग एंड मिनरल प्रोसेसिंग में पर्याप्त संभावनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों की वैल्यू एडिशन के लिए युवाओं को विभिन्न कौशलों का आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के साथ-साथ व्यापार-व्यवसाय के लिए उनके बेहतर लिंकेज की व्यवस्था की जाएगी। इससे व्यवसाय में होने वाला अधिकतम लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जबलपुर जिले में 5 विकसित औद्योगिक क्षेत्र और एक विकासाधीन औद्योगिक क्षेत्र 640 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर स्थित है, जिसमें 514 एमएसएमई इकाइयॉ कार्यरत हैं। जबलपुर में विकसित किए गए आई.टी. पार्क में भी रोजगार की बहुत संभावनाएं मौजूद हैं। इसके साथ ही फर्नीचर क्लस्टर, नवीन गारमेंट क्लस्टर, खाद्य प्र-संस्करण आधारित उद्योगों, माइनिंग एंड मिनरल प्रोसेसिंग और फार्मा इकाइयों में भी बहुत संभावनाएं हैं। रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से क्षेत्र के लोग औद्योगिक विकास को मूर्त रूप लेते हुए अपने सामने देख सकेंगे। यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। देश के दूसरे भागों से भी उद्योगपतियों को निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। प्रदेश में सागर, ग्वालियर, रीवा में भी रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव आयोजित किए जाएंगे।
जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर और डिण्डौरी के उद्योगपति संवाद में हुए शामिल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ वर्चुअल संवाद में जबलपुर से महाकौशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री रवि गुप्ता, फेडरेशन ऑफ म.प्र. चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के सीनियर वाइस सेक्रेटरी श्री हिमांशु खरे, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष श्री व्ही.के. नेमा, महाकौशल उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री बी.आर. जैसवानी, कटनी से मप्र लघु उद्योग संघ के श्री सुधीर कुमार मिश्रा, मध्यप्रदेश रिफ्रेक्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अरविंद गुगलिया, मंडला से राईस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अनिल वीरानी सहित नरसिंहपुर के श्री सजल अग्रवाल और डिण्डौरी के श्री रमेश राजपाल ने अपने विचार रखे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में महाकौशल क्षेत्र के अन्य उद्योगपति और व्यवसायी भी शामिल हुए।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस को सशक्त बनाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए बजट में साढ़े दस हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में पुलिस कर्मियों के लिए 25 हजार आवास इस वर्ष बनाने का लक्ष्य है, जिसमें से 12 हजार आवास बना लिए गए हैं। प्रदेश के हर जिले में स्वतंत्र रूप से पुलिस बैंड दल कार्य करेगा। स्वर मेघ के अंतर्गत प्रस्तुत बैंड कार्यक्रम के सहभागी प्रत्येक सदस्य को 11-11 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मोतीलाल नेहरू पुलिस स्टेडियम में आज शाम स्वर-मेघ कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश पुलिस बैंड द्वारा प्रस्तुत संगीतमय कार्यक्रम में शामिल हुए। नव-गठित पुलिस बैंड ने संगीतमय धुनों का वादन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस बल के सभी सदस्यों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी एवं उनके हुनर की सराहना की। कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर और भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय उपस्थित थीं। प्रदेश में करीब 330 पुलिसकर्मी पुलिस बैंड के सदस्य के रूप में प्रशिक्षित हुए हैं। ये स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न जिलों में प्रस्तुति देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशा के अनुसार संगीत में रुचि रखने वाले मध्यप्रदेश पुलिस के जवानों को बैंड वादन का प्रशिक्षण दिलवाया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ‘स्वर-मेघ’ कार्यक्रम में आज अद्भुत प्रस्तुतियाँ दी गई है। पुलिस कर्मियों ने देशभक्ति-जनसेवा के ध्येय वाक्य को अपनी आत्मा में उतारकर दिन-रात सुरक्षा और सेवा में लीन रहने का कार्य किया है। इसके लिए मध्यप्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों को मैं सैल्यूट करता हूं और बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज पुलिस बैंड के ‘स्वर-मेघ’ कार्यक्रम में ऐसा लग रहा है कि स्वयं मेघ भी मेजबान बनकर इसका आनंद ले रहे हैं। मैं आज प्रसन्न हूं, मुझे विश्वास है कि मेरे साथ आप सभी इस आनंद में डूबे होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस मुख्यालय में पहली मीटिंग में निर्देश दिये कि सभी जिलों के पुलिस बैंड का गठन किया जाए। प्रत्येक जिले में पुलिस बैंड की स्थापना बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन पुलिस की इच्छाशक्ति से यह कार्य सफल हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आजादी के समय में अधिकांश जिलों में पुलिस बैंड हुआ करता था, किंतु जैसे-जैसे पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त हुए, वैसे-वैसे पुलिस बैंड में जवानों की कमी होती चली गई। इसको पूरा करना हमारे लिए चुनौती का विषय था। हमने प्रयास किया कि 15 अगस्त 2024 तक हर जिले में पुलिस बैंड प्रस्तुति दे। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि पुलिस ने उस चुनौती को स्वीकार ही नहीं किया बल्कि उसे साकार कर दिखाया। अब हर जिले में स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस बैंड की बेहतरीन प्रस्तुति दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस बैंड की व्यवस्था रहेगी, इसके लिए जहां विधिवत रूप से भर्तियां की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 340 पुलिसकर्मियों ने स्वेच्छा से सभी जिलों में पुलिस बैंड की शुरुआत कर दी है। यह इच्छा शक्ति यह बताती है कि पुलिस जो चाहती है, प्रशासन जो चाहता है, वे कार्य साकार रूप लेता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास में आज का दिन स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि म.प्र. पुलिस के आधुनिकीकरण एवं सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पुलिस में 7500 पदों पर भर्तियां करने का निर्णय लिया गया है। भोपाल में 50 बिस्तर क्षमता के पुलिस अस्पताल का भी लोकार्पण किया जाएगा। मध्यप्रदेश पुलिस के जवान के शहीद होने पर 1 करोड़ रुपए की राशि में से 50 प्रतिशत राशि पत्नी और 50 प्रतिशत की राशि माता-पिता को प्रदान की जाएगी। पुलिस ने निश्चित समय में थानों की सीमाओं का भी पुनर्निर्धारण किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि पुलिस ने इस चुनौतीपूर्ण कार्य को किया है, जिससे 22 हजार गांवों को इसका लाभ मिलेगा। मुझे विश्वास है कि मध्यप्रदेश पुलिस अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए ऐसे कार्यों से अपनी अलग पहचान बनाएगी।
पुलिस बैंड जनता और पुलिस के बीच सहभागिता में वृद्धि कर उसे बनाता है सुदृढ़: डीजीपी श्री सक्सेना
डीजीपी श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों में पुलिस ब्रास बैंड की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री की पुलिस बैंड के उत्थान की परिकल्पना न केवल पुलिस बल के प्रदर्शन को मजबूती दे रही है बल्कि पुलिस और जनता के बीच निकटता के साथ ही उनमें उत्साह का संचार भी कर रही है। पुलिस बैंड, जहां जनता और पुलिस के बीच सहभागिता में वृद्धि करते हुए उसे सुदृढ़ बनाता है, वहीं इसकी स्वर लहरियां वातावरण में गूंजते ही आम जनमानस में देशभक्ति की भावना का संचार करने के साथ ही उन्हें गर्व की अनुभूति कराती है। राष्ट्रीय पर्व हो या फिर कोई अन्य दिवस इस बैंड के बिना कार्यक्रम अधूरा से लगता है। उन्होंने कहा कि पुलिस बैंड द्वारा बजाई जाने वाली राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत गीतों की धुनें जहां हर नागरिक के मन में राष्ट्रसप्रेम की भावना का संचार करती हैं वहीं पुलिस जवानों के मन में ”देशभक्ति-जनसेवा” के संकल्प् को भी और मजबूत करने में सहायक सिद्ध होती हैं। देश के अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश पुलिस के जवान इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बैंड दल के सदस्यों ने धुनों की दी मनमोहक प्रस्तुति
भोपाल के लाल परेड मैदान स्थित मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित ‘स्वर-मेघ’ कार्यक्रम में पुलिस ब्रॉस बैंड के सदस्यों ने लयबद्ध प्रस्तुतियाँ दी। ‘स्वर-मेघ’ कार्यक्रम में पुलिस ब्रॉस बैंड कॉन्सर्ट और पुलिस बैंड डिस्प्ले की प्रस्तुति दी गई। जहाँ पुलिस ब्रॉस बैंड कॉन्सर्ट के दौरान “सावन का महीना पवन करे शोर, वंदे मातरम, ऐ मेरे वतन के लोगों, यारी है ईमान मेरा, मेरा रंग दे बसंती चोला, और जय हो जैसे फिल्मी गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी गई। पुलिस बैंड डिस्प्ले में फैनफेयर, क्विक मार्च, स्लो मार्च, स्टैंडिंग डिस्प्ले, ड्रम बीटिंग आदि की मधुर धुनों की प्रस्तुतियाँ देकर पुलिस ब्रॉस बैंड के सदस्यों ने समॉ बांध दिया। इस अवसर पर पुलिस जवानों द्वारा बजाई गई स्वर-लहरियों ने सभी उपस्थित लोगों को उत्साह से भर दिया। देश प्रेम एवं राष्ट्र भक्ति पूर्ण गीतों की रोमांचक धुनों ने जन-मन में राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार कर दिया और सभी के दिलों में अमिट छाप छोड़ी।
मध्यप्रदेश पुलिस के 330 प्रशिक्षुओं को मिला गहन प्रशिक्षण
गत 10 जनवरी 2024 से प्रारंभ 90 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल के ट्रेनिंग सेंटर सातवीं वाहिनी भोपाल में 100, प्रथम वाहिनी इंदौर में 107 तथा छठीं वाहिनी जबलपुर में 123 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को बैंड वादन तथा वाद्ययंत्रों का गहन प्रशिक्षण दिया गया। इन 330 प्रशिक्षुओं में प्रदेश की सभी बटालियनों के पुलिसकर्मियों को सम्मिलित किया गया ताकि सभी इकाइयों में बैंड स्थापना के लक्ष्य को शीघ्र पूरा किया जा सके। प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रदेश के 49 जिलों में 15 अगस्त 2024 की परेड को गौरवपूर्ण बनाने के लिए अपने-अपने जिलों में भेजा गया। मध्यप्रदेश में 6 जिलों में पूर्व से ही बैंड दल गठित है। इस प्रकार इस वर्ष प्रदेश के सभी 55 जिलों में बैंड दल के साथ स्वतंत्रता दिवस पर परेड संपन्न की जाएगी।
मध्यप्रदेश पुलिस के प्रशिक्षणार्थियों ने रचा इतिहास
मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रदेश के 19 कर्मचारियों को 6 माह के एडवांस कोर्स के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ बैंड ट्रेनिंग स्कूल बीएसएफ बेंगलुरु भी भेजा। प्रशिक्षणार्थियों ने वाद्य यंत्र वादन, वाद्ययंत्रों के साथ ड्रिल, थ्योरी क्लास आदि का प्रशिक्षण पूर्ण किया। इस एडवांस कोर्स में प्रशिक्षणार्थियों को म्यूजिक नोटेशन पढ़ना एवं म्यूजिक नोटेशन लिखना तथा वाद्य यंत्र वादन करने के बारे में संपूर्ण एवं विस्तृत जानकारी दी गई। पुलिस महानिदेशक ने 14 जून को बेंगलुरु से एडवांस बैंड कोर्स उत्तीर्ण कर के आए सभी मास्टर ट्रेनर्स से मुलाकात कर उन्हें फॉर्मेशन साइन लगाए हैं। मध्यप्रदेश पुलिस के लिए गर्व का विषय है कि कोर्स के अंत में प्रशिक्षणार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त कर इतिहास रच दिया है।
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