छत्तीसगढ़ कोल स्कैम मामले में निलंबित IAS रानू साहू और कारोबारी दीपेश टांक को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को जमानत मिल गई है। दोनों की जमानत 7 अगस्त तक के लिए मंजूर की गई है, लेकिन जमानत मिलने के बाद भी रानू साहू का जेल से बाहर आना आसान नहीं है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ED के ओर से चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला केस में फैसला सुनाया है। प्रवर्तन निदेशालय के अलावा छत्तीसगढ़ EOW भी कोयला घोटाले की जांच कर रही है, जिसमें रानू साहू पहले से जेल में बंद है। 2 जुलाई को EOW ने रानू पर आय से ज्यादा संपत्ति और करप्शन को लेकर नया केस दर्ज किया है। जानकारों के मुताबिक जमानत पर जेल से आने के बाद भी EOW उन्हें नई FIR के तहत गिरफ्तार कर सकती है।
जेल से रिहा हुई तो फिर गिरफ्तार हो सकती हैं रानू साहू
कानून के जानकारों का कहना है रानू साहू पर ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। बाद में EOW ने भी कोल घोटाला मामले में केस दर्ज किया, जिस पर रानू साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी है और 12 जुलाई तक वे ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल में है।
2 जुलाई को EOW ने रानू साहू पर नई FIR दर्ज की है
रानू साहू पर EOW ने 2 जुलाई को आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में नई FIR दर्ज की है। अगर वे जेल से बाहर आती हैं तो EOW की टीम रानू को नई FIR के मामले में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर सकती है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूछताछ के लिए कोर्ट से रिमांड की मांग कर सकती है। ऐसे में जेल से रिहाई के बाद भी रानू साहू के लिए मुश्किलें पहले से खड़ी हैं।
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