आंवला नवमी 21 को : जानिए तिथि, समय, शुभ मुहूर्त व धार्मिक महत्व…

धार्मिक दृष्टि से कार्तिक महीना अत्याधिक महत्वपूर्ण है। माना जाता है कि इस माह में सच्चे मन से किए जाने वाले पुण्य कार्य शुभ फल प्रदान करते है। कार्तिक महीने का धार्मिक महत्व अधिक है, इसलिए इस महीने में कई व्रत-त्यौहार मनाएं जाते है। ऐसे में यहां हम आपको इस पवित्र महीने में आने वाले आंवला नवमी के बारे में बताने जा रहे है।

आंवला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है. परंपरागत रूप से अक्षय नवमी के शुभ दिन पर आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। पश्चिम बंगाल में, उसी दिन को जगद्धात्री पूजा के रूप में मनाया जाता है, जहां शक्ति की देवी जगद्धात्री की पूजा की जाती है। इस लेख में आज हम आंवला नवमी 2023 की तिथि, समय, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में बताएँगे।

आंवला नवमी तिथि


आंवला नवमी हिंदू माह कार्तिक में शुक्ल नवमी के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष आंवला नवमी का त्योहार 21 नवंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन ही सत्ययुग की शुरुआत हुई थी। इसलिए अक्षय नवमी के दिन को सत्य युगादि के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सभी प्रकार के दान-पुण्य में शामिल होना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

आंवला नवमी मुहूर्त व समय


नवमी तिथि प्रारंभ – 21 नवंबर 2023, प्रातः 03:16 बजे से
नवमी तिथि समाप्त – 22 नवंबर 2023, सुबह 01:09 बजे तक

अक्षय नवमी पूर्वाह्न समय – प्रातः 06:49 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक
अवधि – 05 घंटे 35 मिनट

आंवला नवमी का महत्व


आंवला नवमी के व्रत स जुड़ें सभी धार्मिक महत्व इस प्रकार है-

  • कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी से लेकर पूर्णिमा तिथि तक इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है क्योंकि आंवले के पेड़ में भगवान नारायण का वास माना जाता है।
  • आंवला नवमी के दिन इस पेड़ की छाया में बैठना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करते है।
  • आंवला नवमी के दिन स्नान करना और दान करना बहुत महत्वपूर्ण है। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना सभी प्रकार के पापों से छुटकारा दिलाता है और दान करना भी बहुत फलदायक होता है।