नई दिल्ली। भारत सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की जांच के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया है। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आज़ाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।
जानकारी के मुताबिक कमेटी का नाम उच्च स्तरीय समिति और अंग्रेज़ी में एचएलसी कहा जाएगा। विधियों न्याय विभाग के सचिव नितेन चंद्र इसका हिस्सा होंगे। नितेन चंद्र एचएलसी के सचिव भी होंगे। इसके अलावा कमेटी की बैठक में केंद्रीय न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मौजूद रहेंगे।
क्या है वन नेशन वन इलेक्शन
गौरतलब है कि केंद्र की भाजपा सरकार देशभर में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराये जाने की प्रबल पक्षधर है। इसके पीछे सरकार का तर्क है देश में अगर लोकसभा चुनाव और सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं तो इससे खर्चा कम होगा। चुनाव की वजह से प्रशासनिक अधिकारी भी व्यस्त रहते हैं, उन्हें भी इस काम से निजात मिलेगी और अन्य काम पर फोकस कर सकेंगे। आंकड़े के मुताबिक, जब देश में पहली बार चुनाव हुए थे, उस वक्त तकरीबन 11 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 17वीं लोकसभा में 60 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च हुए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब लोकसभा चुनाव में इतने पैसे खर्च हुए तो विधानसभा चुनावों में कितने पैसे खर्च होते होंगे।
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