छत्तीसगढ़ : पैरी बंधन के तहत समूह की दीदियों द्वारा निर्मित राखियां बना रही एक नई पहचान

इस बार राखी में भाईयों के हाथों में बंधेगी हजारो बहनों का विश्वास


जिले की 13 महिला समूहों द्वारा बनाई जा रही गोबर, बांस एवं मोती की आकर्षक राखियां

गरियाबंद 11 अगस्त, 2023 I

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आगामी रक्षाबंधन त्यौहार पर सभी भाइयों की कलाईयों पर इको फ्रेंडली राखियां दिखेगी। गरियाबंद जिला प्रशासन की विशेष पहल से पैरी बंधन के तहत व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत जिले की 13 महिला समूहों के द्वारा बांस की कलात्मक राखियां, गोबर/मोती/रत्नजड़ित राखियों का निर्माण किया जा रहा है। कलेक्टर श्री आकाश छिकारा के मार्गदर्शन में जिले के सभी विकासखण्डों में बड़े एवं बच्चों की कलात्मक पैरी राखियां का विविध कलाकृतियों के माध्यम से बड़े स्तर पर राखी का निर्माण किया जा रहा है।

समूह द्वारा सुंदर, आकर्षक व पर्यावरण सुरक्षित राखियों का निर्माण किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा अब तक 7000 राखी निर्माण उपरांत 2 हजार 235 राखियाँ विक्रय कर कुल 26 हजार 285 रूपये आय प्राप्त किया जा चुका है। महिला स्व-सहायता समूह की दीदियां द्वारा राखी तैयार करने में अनाज, धान, चावल, दालों के अलावा कुमकुम, मौली धागा का उपयोग किया जा रहा है। समूह की दीदियों द्वारा बड़े पैमाने पर रत्नजड़ित/मोती /गोबर/बांस से भी राखी बनाई जा रही है। इन राखियों की जिला कार्यालय गरियाबंद एवं राजधानी रायपुर तक काफी मांग है। दीदियों ने इस साल लगभग 40 हजार राखियां तैयार करने का लक्ष्य रखा है। रक्षाबंधन के बाद भाई चाहें तो बीजों से बनी राखियों को गमले में लगा सकते है। इन बीजों से निकलने वाले पौधे लंबे समय तक भाई बहन के स्नेह के प्रतीक के रूप में दिखते रहेंगे। महिला स्व-सहायता समूहों को राखी तैयार करने से लेकर बाजार उपलब्ध कराने तक में जिला प्रशासन मदद कर रहा है। इन इको फ्रेंडली राखियों की कीमत 30 रूपये से लेकर 250 रूपये तक है।

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जिला प्रशासन गरियाबंद की विशेष पहल पैरी बंधन – पैरी बंधन के नाम से हजारों की संख्या में राखियां बना रही समूह की दीदियों को जिला प्रशासन द्वारा स्वावलंबी बनाने की दिशा में सशक्त प्रयास किया जा रहा है। बंधन नेह का, बहनों के स्नेह का, पुनीत बंधन, बढ़ेगा गौधन, आओ बच्चों बांधे, पैरी का पवित्र रक्षा सूत्र, बच्चों का हाथ, पैरी बन्धन के साथ, मोतियों से बंधा, पैरी का अटूट बंधन, रत्नों से जड़ा, पैरी का अटूट बंधन जैसे स्लोगन के साथ इस पैरी बंधन अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। इन समस्त राखियों के विक्रय हेतु सी-मार्ट, जिला गरियाबंद को विक्रय केन्द्र बनाया गया है। कुछ ही दिनों में समूह द्वारा निर्मित राखियों के विक्रय हेतु जिला व विकासखण्ड स्तर पर स्टॉल की भी व्यवस्था की जायेगी। साथ ही राखी निर्माण कार्य में लगी समस्त दीदियों को प्रोत्साहित किया जायेगा। इस कार्य में डीपीएम, बीपीएम, क्षेत्रीय समन्वयक, पीआरपी एनआरएलएम् जिला गरियाबंद द्वारा विशेष प्रयास किया जा रहा है।