महंगी हो गईं हरी सब्जियां, अब तो चटनी बनाना भी भारी पड़ रहा

कोरबा,22 सितम्बर (वेदांत समाचार) । प्रदेश सहित देशभर में बेकाबू होती महंगाई में लगातार बढ़ते अनाज के दाम के बीच अब सब्जियां भी झटका दे रही है।गत कुछ दिनों में बाजार में सब्जियों के मूल्य में वृद्धि हुई है। महंगाई की मार से गरीब के थाली से हरी सब्जी का निवाला बाहर हो गया है। अब तो टमाटर-मिर्च की चटनी बनाना भी भारी पड़ रहा है। लहसुन के मूल्य ने पहले ही उपभोक्ता का चेहरा सफेद किया हुआ है। चटनी में उपयोग की जाने वाली अन्य सब्जियों के मूल्य में भी तेजी आई है। प्याज पहले ही अपनी कीमत की सीमा लांघ चुका था। अब आलू भी प्याज के रास्ते की ओर चलने आगे बढ़ रहा है। शिमला मिर्च, फ्रांसबीन जैसी सब्जियों के दाम तो फल पर भी भारी पड़ रहे है।

एक महीने में दो गुना हो गए दाम

मौसम और महंगाई की मार ने एक आम आदमी की थाली से सब्जियां गायब ही कर दी हैं। अभी राहत की उम्मीद भी नहीं है। एक माह पूर्व तक टमाटर, आलू, प्याज सामान्य दर पर थे। टमाटर को 20 से 30 रुपये किलोग्राम के मूल्य पर उपलब्ध था।प्याज 40 रुपये से नीचे था। लौकी, गिलकी 15 से 25 रुपये किलो मिल रही थी। 10 रुपये में 10 वाला नींबू ढूंढे नहीं मिल रहा। पत्ता गोभी, भिंडी, बरबटी भी 25 से 30 रुपये की दर से बिक रही थी। सभी सब्जियों के मूल्य अब लगभग दो गुने हो चुके हैं।सबसे अधिक मूल्य वृद्धि अदरक, लहसुन, हरी धनिया में हुई। बाजार से घर के सामने ठेले तक आने में सब्जियों और महंगी हो रही।