World Vitiligo Day 2023: यूं पहचाने सफेद दाग! इन छोटे-छोटे संकेत से सावधान…

विटिलिगो… एक ऐसा क्रोनिक ऑटोइम्यून डिसऑर्ड जिसमें स्किन पर सफेद दाग नजर आने लगते हैं. इसकी शुरुआत होती है हाथ-पैर से, मगर धीरे-धीरे ये चेहरे पर भी फैलने लगता है. न सिर्फ इतना, बल्कि देखते ही देखते ये बालों भौहों को भी अपनी चपेट में ले लेता है, जिस वजह से बालों का रंग भी सफेद होने लगता है. यूं तो साफतौर पर ये एक मेडिकल कंडीशन है, मगर इसे लेकर समाज में कई सारे मिथ्या मौजूद हैं.

कई लोग कहते हैं कि विटिलिगो या फिर स्किन पर सफेद दाग छोड़ने वाली ये बीमारी छुआछूत की बीमारी होती है, तो कई लोग मानते हैं कि ये पूर्व जन्म का कोई पाप है. कुछ लोगों का तो ये भी मानना है कि विटिलिगो मछली के साथ दूध पी लेने से होती है, ऐसे में इसकी हकीकत आखिर है क्या… इसके प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए प्रतिवर्ष 25 जून को विटिलिगो डे के तौर पर मनाया जाता है… तो आइये आज इस खास दिवस के एक दिन पहले समझें, आखिर क्या होती है ये बीमारी और क्या है इसके शुरुआती संकेत…

क्या है विटिलिगो बीमारी?

जैसा कि हमने बताया, विटिलिगो एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो हमारे शरीर की एंटीबॉडी मेलानोसाइट्स पर हमला कर उसे नष्ट कर देती है. इससे हमारे शरीर पर सफेद दाग नजर आने लगते हैं. ये कोई छुआछूत की बीमारी नहीं, मगर जीन के जरिए जरूर फैलती है. यानि ये फैमिली में एक मेमंबर से दूसरे मेंबर फैल सकती है. मसलन अगर माता-पिता में से कोई एक विटिलिगो से ग्रसित है, तो संभावना है कि उनके बच्चे को भी ये बीमारी हो सकती है. ध्यान रहे कि विटिलिगो जैसी बीमारी सनबर्न, इमोशनल डिसट्रेस और कैमिकल की वजह से ज्यादा बढ़ सकती है.

शुरुआती संकेत को समझिए…

विटिलिगो के शुरुआती संकेत व्यक्ति के कोहनी, मुंह, नाक और आंखों के ऊपर नजर आते हैं, जिसके बाद धीरे-धीरे कर स्किन अपना कलर छोड़ने लगती है. साथ ही साथ इससे बालों का रंग भी बदल जाता है.