एंबुलेंस के लिए नहीं थे पैसे, गरीब पिता ने मजबूरी में बेटे का शव बैग में रख तय किया 200Km का सफर

सिलीगुड़ी,15 मई  NATIONAL NEWS : पश्चिम बंगाल से एक आत्मा को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक पिता के पास एम्बुलेंस का किराया भरने के लिए पैसे नहीं थे, जिस कारण उसे अपने पांच महीने के बच्चे का शव बैग में डालकर बस से 200 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा. एंबुलेंस ड्राइवर ने मजबूर पिता से सिलीगुड़ी से कालियागंज में उसके घर तक शव को ले जाने के 8000 रुपये मांगे थे.

इस मामले को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता (बीजेपी) सुवेंदु अधिकारी ने जहां तृणमूल कांग्रेस सरकार की ‘स्वास्थ्य साथी’ बीमा योजना पर सवाल उठाया वहीं तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर एक बच्चे की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया. बच्चे के पिता आशीम देबशर्मा ने कहा, ‘‘ छह दिनों तक सिलीगुड़ी नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में इलाज के बाद मेरे पांच महीने के बेटे की पिछली रात मौत हो गई. इलाज पर मैंने 16000 रुपये खर्च किए.” देबशर्मा ने कहा, ‘‘ मेरे बच्चे को कालियागंज तक ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक ने 8000 रुपये मांगे, जो मेरे पास नहीं थे।

उसने दावा किया कि एम्बुलेंस नहीं मिलने पर उसने शव को एक बैग में डाल लिया और दार्जिलिंग के सिलीगुड़ी से करीब 200 किलोमीटर तक उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज तक बस से सफर किया. उसने इस बात की किसी यात्री को भनक नहीं लगने दी क्योंकि उसे डर था कि यदि सहयात्रियों को पता चल गया तो उसे बस से उतार दिया जाएगा. उसने कहा कि 102 योजना के तहत एक एंबुलेंस चालक ने उससे कहा कि यह सुविधा मरीजों के लिए है न कि शव को ले जाने के लिए.

मीडिया से बातचीत के इस व्यक्ति के वीडियो को ट्विटर पर डालते हुए अधिकारी ने लिखा, ‘‘ हम तकनीकी बातों में न जाएं लेकिन क्या स्वास्थ्य साथी यही हासिल करने के लिए है? यह दुर्भाग्य से ही सही, लेकिन ‘‘इगिये बांग्ला’ (उन्नत बंगाल) मॉडल की सच्ची तस्वीर है.” तृणमूल के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने बीजेपी पर एक बच्चे की मौत पर ‘राजनीति करने का’ आरोप लगाया।