“छत्तीसगढ़ में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा! बेमेतरा में 11 एथेनॉल प्लांट स्थापित होंगे, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार। पराली जलाने और धान खरीदी की समस्या का भी होगा समाधान। जानिए क्या है एथेनॉल और कैसे यह पर्यावरण के लिए फायदेमंद है।”
रायपुर, 05 अक्टूबर – छत्तीसगढ़ में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर काम किया है। बेमेतरा में लगभग 11 एथेनॉल प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
एथेनॉल एक प्रकार का जैव ईंधन है, जो गन्ने, मक्का, ज्वार और अन्य खाद्यान्नों से उत्पादित किया जाता है। इसका उपयोग पेट्रोल में मिश्रण करने के लिए किया जाता है, जिससे पेट्रोल की खपत में कमी आती है और वायु प्रदूषण में भी कमी होती है।
इनमें से तीन एथेनॉल फैक्ट्री का काम शुरू हो गया है और नवंबर से पथर्रा के एथेनॉल प्लांट में उत्पादन शुरू हो जाएगा। यह परियोजनाएं न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी, बल्कि पराली जलाने और धान खरीदी के बाद चावल उठाव की समस्या का भी समाधान करेंगी।
बेमेतरा के पथर्रा और रांका गांव में एथेनॉल प्लांट का काम तेजी से चल रहा है। पथर्रा गांव में फैक्ट्री का काम 90 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है और उच्च तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्लांट के डायरेक्टर रोहित सचदेव ने बताया कि इस सिस्टम की जैविक प्रणाली गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को पचा लेती है और इससे साफ पानी निकलता है।
जिले के कलेक्टर रणबीर शर्मा ने बताया कि बेमेतरा में 3 एथेनॉल प्लांट का काम तेजी से चल रहा है। एक प्लांट के लगने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 500 लोगों को रोजगार मिलता है। इस तरह हजारों लोगों को इन उद्योगों से रोजगार मिलेगा।
[metaslider id="347522"]