मृत शरीर पर सफ़ेद कपड़े का महत्व: जानें इसके पीछे की परंपरा और विज्ञान…

मृत्यु के बाद मृत शरीर को सफ़ेद कपड़े से ढकने की परंपरा लगभग हर धर्म और संस्कृति में देखी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण हैं? आइए जानते हैं इस परंपरा के पीछे की कहानी।

धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में मृत शरीर को सफ़ेद कपड़े से ढकने का महत्व है। मृत्यु के बाद आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए सफ़ेद कपड़े का उपयोग किया जाता है। सफ़ेद रंग शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो सफ़ेद कपड़े का उपयोग मृत शरीर को संरक्षित करने में मदद करता है। सफ़ेद कपड़े में मृत शरीर के शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिससे शरीर के अपघटन की प्रक्रिया धीमी होती है।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखें तो सफ़ेद कपड़े का उपयोग मृत्यु की गहराई और सम्मान को दर्शाता है। यह मृत व्यक्ति के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि का प्रतीक है।

अन्य धर्मों में सफ़ेद कपड़े का महत्व

इस्लाम धर्म में भी मृत शरीर को सफ़ेद कपड़े से ढकने की परंपरा है। इसे “कफन” कहा जाता है। ईसाई धर्म में भी सफ़ेद कपड़े का उपयोग मृत शरीर को ढकने में किया जाता है।

निष्कर्ष

मृत शरीर पर सफ़ेद कपड़े का महत्व धार्मिक, वैज्ञानिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह मृत व्यक्ति के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि का प्रतीक है, साथ ही शरीर के अपघटन को धीमा करने में भी मदद करता है।

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