अब तक H3N2 से 5 मौतें, क्या ये वायरस कोविड की तरह बन जाएगा महामारी?

नईदिल्ली : कोरोना महामारी के बाद अब देश मे इन्फ्लूएंजा का H3N2 वायरस एक बड़ी चिंता बनता जा रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस वायरस की चपेट में आने से अब तक पांच मरीजों की मौत हो चुकी है. ऐसा पहली बार है जब इन्फ्लूएंजा से मौतें हो रही है. फिलहाल सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र से सामने आ रहे हैं. अन्य राज्यों में भी ये वायरस पांव पसार रहा है. बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी राज्य अलर्ट मोड पर हैं. वायरस से बचाव के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इस बीच यह डर भी सता रहा है कि इन्फ्लूएंजा भी अब कोविड की राह पर तो नहीं है? यानी, ये वायरस कोविड जितना खतरनाक तो नहीं बन रहा है.

ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि कोविड की तरह ही एच-3एन2वायरस भी रेस्पिरेटरी इंफेक्शन कर रहा है. यानी ,इसकी वजह से निमोनिया हो रहा है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो रही है. इस कारण लोगों की मौत हो रही है. कोविड वायरस में भी कुछ ऐसा ही था. कोविड से भी ऑक्सीजन लेवल गिर रहा था और मरीजों की मौत हो रही थी. अब ऐसा ही कुछ इन्फ्लूएंजा में भी दिख रहा है, लेकिन क्या सही में इन्फ्लूएंजा कोविड जितना खतरनाक होगा या फिर अगले कुछ दिनों में इसके केस कम होने लगेंगे?

एम्स के क्रिटिकल केयर एंड एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ. युद्धवीर सिंह ने बताया कि इन्फ्लूएंजा और कोविड दोनों ही रेस्पिरेटरी इंफेक्शन करते हैं, यानी, इन वायरस से लंग्स को नुकसान पहुंचता है, लेकिन इन्फ्लूएंजा की वजह से बहुत ही कम मामलों में निमोनिया होने का खतरा रहता है. ये वायरस केवल कमजोर इम्यूनिटी वालों और बुजुर्ग लोगों को ही प्रभावित करता है. इन्फ्लूएंजा की वजह से होने वाला निमोनिया कोविड की तुलना में काफी कमजोर होता है. कोविड की वजह से लंग्स पूरी तरह से डैमेज हो रहे थे, लेकिन इन्फ्लूएंजा में ऐसा नहीं है. इससे कोविड की तुलना में काफी हल्का संक्रमण होता है.

सीजनल बीमारी है इन्फ्लूएंजा

डॉ युद्ववीर सिंह का कहना है कि कोविड वायरस पिछले तीन साल से मौजूद है और आज तक इसके केस सामने आ रहे हैं. जबकि इन्फ्लूएंजा ये सीजनल बीमारी है. देश में जनवरी से मार्च के बीच हर साल ही इसके केस आते हैं. हालांकि इस बार वायरस में कुछ म्यूटेशन हुआ है इसलिए मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन इसमें कोविड की तरह चिंता की कोई बात नहीं है. ये एक सीजनल बीमारी है जो अगले कुछ सप्ताह में खत्म हो सकती है. ऐसे में लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. केवल सावधानी बरतनी है.

कमजोर इम्यूनिटी वाले हो रहे शिकार

डॉ सिंह कहते हैं कि पिछले तीन साल से लोग कोविड वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. जिससे लोगों की इम्यूनिटी पर भी असर पड़ रहा है. कोविड वायरस के हल्का पड़ने के बाद अब इन्फ्लूएंजा बढ़ने का यही कारण है कि कमजोर इम्यूनिटी वाले इसका शिकार हो रहे हैं. जो मौतें दर्ज की गई हैं उनमें अधिकतर मरीज ज्यादा उम्र और किसी दूसरी बीमारी के मरीज थे. ऐसे में इन्फ्लूएंजा से पैनिक होने की जरूरत नहीं है. ये कोविड से काफी अलग वायरस है. ये महाामरी का रूप नहीं लेगा.

इन बातों का रखें ध्यान

डॉ सिंह का कहना है कि कोविड की तरह ही इन्फ्लूएंजा से भी बचाव करना जरूरी है. इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें

मास्क लगाकर बाहर निकलें

खानपान का ध्यान रखें

संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आएं

शरीर को हाईड्रेट रखें.

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