नई दिल्ली ,26 फरवरी । प्रधानमंत्री ने देशवासियों से भारत को स्वच्छ बनाने में योगदान करने और प्लास्टिक थैलों की जगह कपड़ों के थैलों का इस्तेमाल करने की अपील की है। आज आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम की 98वीं कड़ी में उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने देश में जन-भागीदारी के मायने बदल दिए हैं। श्री मोदी ने हरियाणा के दुल्हेड़ी गांव के सफाई अभियान की चर्चा की जिसमें ग्रामीणों ने भिवानी शहर को स्वच्छता के मामले में अनुकरणीय शहर बनाने के लिए युवा स्वच्छता एवं जनसेवा समिति का गठन किया। इससे जुड़े युवा तड़के चार बजे ही भिवानी पहुंचकर शहर में अलग-अलग स्थानों पर सफाई अभियान चलाते थे। प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इस समिति से जुड़े युवा अब तक शहर से कई टन कचरा साफ कर चुके हैं।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि कचरे से कंचन की अवधारणा भी स्वच्छ भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। श्री मोदी ने ओडिसा के केंद्रपाड़ा ज़िले की कमला मोहराना का उदाहरण दिया जो एक स्व-सहायता समूह चलाती हैं। इस समूह की महिलाएं टोकरी और मोबाइल स्टैंड जैसी वस्तुएं जैसे दूध के पाऊच और अन्य प्लास्टिक पैकिंग सामग्री से बनाती हैं। श्री मोदी ने कहा कि इससे समूह से जुड़ी महिलाओं को अच्छी आमदनी हो रही है और स्वच्छता भी बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि ई-संजीवनी ऐप पर इलाज के लिए परामर्श मांगने वालों की संख्या 10 करोड़ को पार कर गई है। श्री मोदी ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया। ई-संजीवनी ऐप के माध्यम से लोग वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 10 करोड़ लोगों के परामर्श से स्पष्ट है कि यह ऐप रोगियों को चिकित्सकों से जोड़ने में बेहद उपयोगी रहा है। श्री मोदी ने इसे इस बात का एक जीवंत उदाहरण बताया कि लोगों के जीवन में तकनीक की भूमिका कितनी बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया की शक्ति आज देश के प्रत्येक कोने में देखी जा सकती है। डिजिटल इंडिया को घर-घर तक पहुंचाने में कई ऐप की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। श्री मोदी ने कहा कि ई-संजीवनी ऐप कोविड के दौरान लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है।