खरसिया। मुर्गापाठ केवटापारा पुरानी बस्ती में गौरा-गौरी का त्योहार उत्साह के साथ मनाया गया। तीन दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में परंपरानुसार भगवान शिव-पार्वती के विवाह की रस्में निभाई गई। पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुन के बीच पर्व की खुशियां दोगुनी हो गई। लोगों ने ईश्वर की आराधना कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
शनिवार सुबह मोहल्लेवासी बाजे गाजे के साथ समूह में खेत के पवित्र स्थान से मिट्टी लेने गए। मिट्टी लाने के बाद बाद पूजा स्थल में गौरा भगवान शंकर व पार्वती गौरी के साथ नंदी, भीमसेन आदि की आकर्षक प्रतिमाएं बनाई गईं। रविवार रात में दोनों प्रतिमाओं के साथ भगवान शंकर व पार्वती के विवाह की रस्में निभाई गईं। इस दौरान शिव जी की बारात भी निकाली गई। पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुन में लोग खूब थिरके। पूजा स्थल मुर्गापाठ केवटापारा से बराती धीरज राठौर के घर श्री वीर दुर्गादास राठौर मार्ग पहुंचे। जहाँ विवाह की रस्में निभाई गई। सोमवार को गौरा-गौरी की शोभायात्रा निकली। नाचते-गाते सभी तालाब पहुंचे, फिर पूजा-अर्चना की गई। पश्चात तालाब में गौरा-गौरी की मूर्ति का विसर्जन किया गया। शोभायात्रा मुर्गापाठ केवटापारा से निकली।
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