Vedantu Layoffs : जोमैटो, स्विगी और ओयो के बाद वेदांतु में भी छंटनी होगी, जानिए क्या है जॉब कटिंग की वजह

नई दिल्ली : दुनियाभर की आईटी, टेक, डिलीवरी सेक्टर से जुड़ी कंपनियां मंदी जैसे हालात का सामना कर रही हैं. इसी वजह से तेजी से नौकरियों में कटौती की जा रही है. विदेशी कंपनियों ट्विटर, अमेजन, मेटा के बाद अब भारत में लोगों को नौकरी देने वाली कंपनियों ने भी छंटनी तेज कर दी है. अब ऑनलाइन एजूकेशन की सुविधा देने वाली कंपनी वेदांतु ने भी छंटनी का ऐलान कर दिया है.

वैश्विक स्तर पर जॉब सेक्टर में मची उथल-पुथल का असर अब भारत में कारोबार कर रहीं कंपनियों पर भी दिखने लगा है. जोमैटो, ओयो, स्विगी के बाद वेदांतु ने भी 11 फीसदी से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की बात कही है. बता दें कि इससे पहले अमेजन ने 10,00 हजार लोगों की छंटनी की है और ट्विटर, मेटा ने भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की संख्या घटाई है.

रिपोर्ट के अनुसार एडटेक यूनिकॉर्न वेदांतु ने 385 कर्मचारियों की छंटनी की है, जो कंपनी के कर्मचारियों का लगभग 11.6 प्रतिशत है. कहा गया है कि धन की कमी के चलते इस कदम को लागत-बचत के माध्यम से एडटेक क्षेत्र में लाभ हासिल करने की दिशा में सख्त निर्णय के रूप में देखा जा रहा है. बता दें कि इस साल तीसरे दौर की छंटनी के बाद वेदांतु के पास अब लगभग 3,300 कर्मचारी हैं.

एडटेक सेक्टर में गिरते मूल्यांकन, कम फंडिंग और लड़खड़ाते इनवेस्टमेंट के बीच एडटेक सेक्टर संकट में है. बेंगलुरु स्थित फर्म वेदांतु ने इस वर्ष अब तक 1,100 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किया है. रिपोर्ट के अनुसार वेदांतु ने लागत रेट घटाने और ग्रोथ के मुकाबले प्रॉफिटेबिलिटी को तरजीह देने के लिए कर्मचारियों की छंटनी की है.

जोमैटो, स्विगी और शेयरचैट में छंटनी


ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने कहा है कि वह देशभर में काम कर रहे वर्कर्स में से करीब 3 फीसदी को बाहर करेगी. जोमैटो में 3,800 कर्मचारी कार्यरत हैं. इसी तरह शेयरचैट ने अपने गेमिंग प्लेटफॉर्म Jeet11 के संचालन को बंद करते हुए लगभग 5 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. वहीं, फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने भी 250 कर्मचारियों को इसी महीने छंटनी के जरिए बाहर करने जा रही है.