पॉम ऑयल क्षेत्र विस्तार हेतु कृषक प्रशिक्षण एवं प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

ऑयल पॉम की कृषि किसानों के लिए है फायदेमंद-जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल

किसानों को ऑयल पॉम कृषि के फायदे और जानकारी के लिए पॉम कृषि क्षेत्रों का भी करवाया जायेगा विजिट

रायगढ़, 5 दिसम्बर । पुसौर विकासखण्ड के ग्राम सुकुलभटली में आज जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल के मुख्य आथित्य में ऑयल पॉम क्षेत्र विस्तार हेतु कृषक प्रशिक्षण/प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत अबिनाश मिश्रा, जिला पंचायत सदस्य कैलाश शक्राजीत नायक भी उपस्थित रहे। ग्राम सुकुलभटली में आयोजित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत ऑयल पॉम क्षेत्र विस्तार हेतु कृषक प्रशिक्षण/प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष पटेल ने कहा कि पॉम कृषि क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम काफी अच्छा रहा, किसानों को ऑयल पॉम कृषि से संबंधित जानकारी के साथ विजिट कराने से कृषक प्रोत्साहित होंगे।

राज्य सरकार किसानों के हित में फैसले लेती है, हमारे राज्य में अन्य राज्यों से अधिक समर्थन मूल्य पर धान खरीदी होती है। इसके अलावा किसानों के फायदे के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों को लाभान्वित कर रही है। हमारे जिले के किसान जो चाहते है वो करते भी है, निश्चित रूप से ऑयल पॉम की खेती भी करेंगे और लाभ अर्जित करेंगे। उन्होंने सीईओ जिला पंचायत श्री मिश्रा द्वारा बरगढ़ क्षेत्र में किए जा रहे ऑयल पॉम की खेती की जानकारी साझा किए वो महत्वपूर्ण है, किसानों को वहां की खेती विजिट करवाया जाएगा। जिससे प्रगतिशील किसानों को अधिक जानकारी के साथ रुचि बढ़ेगी।


जिला पंचायत सीईओ अबिनाश मिश्रा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश ऑयल पॉम के लिए विदेशों पर निर्भर है। आपके कृषि करने से पूर्ति स्थानीय स्तर से भी हो सकेगी, इससे किसानों को फायदा मिलेगा। शासन द्वारा अच्छा समर्थन मूल्य भी प्रदान कर रहीं है, साथ ही शासन की फसल परिवर्तन योजना का भी लाभ मिलेगा। इसके अलावा किसान ऑयल पॉम क्षेत्र में दो साल तक अदरक और हल्दी की खेती भी कर सकते है। यह धान के मुकाबले तीन गुना ज्यादा आय देती है। इसका कृषि क्षेत्र में वृद्धि होने से बड़े व्यापारी आपसे सीधा फसल खरीद सकते है। इस दौरान उन्होंने किसानों के साथ खेत में लगे ऑयल पॉम वृक्षों का विजिट किया। कार्यक्रम के पश्चात उन्होंने तिलहन क्षेत्र विस्तार अंतर्गत लगाए गए सरसों क्षेत्र का विजिट कर किसान से फसल के संबंधित जानकारी ली।


आयोजित कार्यक्रम में गोदरेज एग्रोटेक लिमिटेड से आए प्रशिक्षक सुभाष जेना ने कृषकों को ऑयल पॉम की खेती, पौधे की जानकारी, खाद, लागत एवं पॉम ऑयल के बीच इंटरक्रापिंग की जानकारी देते हुए बताया कि यह पॉम ऑयल का एक बार लगाने से बाद में एक वृक्ष से 25-30 साल तक इनकम प्रदान करता है। इसके अलावा इसका रख-रखाव और मेहनत कम लगता है। उन्होंने किसानों को खाद एवं पानी की तरीके की जानकारी दी। आयोजित कार्यक्रम में सारंगढ़, बरमकेला, घरघोड़ा, तमनार से लगभग 60 कृषक शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने ऑयल पॉम खेती से संबंधित अपने प्रश्नों को पूछे एवं जानकारी भी प्राप्त किए।


वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी डी.आर.खर्रा ने बताया कि ऑयल पॉम कृषि की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में किसान ऑयल पॉम की कृषि करने में अधिक रुचि दिखा रहे है। सारंगढ़ क्षेत्र में लगभग 160 हेक्टेयर को ऑयल पॉम के लिए चिन्हांकित किया जा चुका है। इसमें शासन द्वारा फसल परिवर्तन के तहत वृक्षारोपण योजना अन्तर्गत तीन साल तक राशि प्रदान की जाएगी। जिसका लाभ किसानों को मिलेगा। इस दौरान जनपद पंचायत सदस्य घड़ी लाल पटेल, राम नारायण नंदे तथा विभागीय अधिकारी-कर्मचारी एवं कृषक उपस्थित थे।