कोरबा, 20 सितम्बर (वेदांत समाचार)। जन सरोकार के लिए सदैव मुखर रहने वाले कोरबा के मीडिया की एक और पहल रंग लाई है। सब इंजीनियर को एसडीओ का प्रभार देकर पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन के 300 करोड़ रुपए से अधिक के स्वीकृत कार्यों का हो रहे बंटाधार को लेकर पीएचई की मनमाना कार्यशैली को लेकर प्रकाशित खबर ने महकमे में कोरबा से लेकर रायपुर तक खलबली मचाई। फजीहत से बचने प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी छत्तीसगढ़ शासन ने कार्यालय मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ,परिक्षेत्र बिलासपुर में पदस्थ सहायक अभियंता (एसडीओ) आदित्य प्रताप को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखंड कटघोरा का कार्य करने निर्देशित किया है। इसके साथ ही कटघोरा एसडीओ का प्रभार देख रहे सब इंजीनियर अभिषेक विश्वकर्मा मूल पद सब इंजीनियर कटघोरा,अतिरिक्त प्रभार पोंडी उपरोड़ा के लिए भारमुक्त कर दिए गए हैं।
यहां बताना होगा कि हर घर नल ,हर घर जल के नारों के साथ पीएम मोदी की मंशानुरूप ग्रामीणों को उनके घरों तक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जलापूर्ति करने जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई है।ताकि माताओं बहनों को पेयजल के लिए मजबूरन हैण्डपम्प ,तालाब ,कुंआ ,नहर व अन्य जल स्रोतों तक जाने मशक्कत न करनी पड़े। सुरक्षित व गौरवपूर्ण जीवन जी सकें।पीएम मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना में तमाम दिक्कतों की वजह से इसकी मियाद बढ़ती रही। अब छत्तीसगढ़ को जल जीवन मिशन की योजना मार्च 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन शुरुआती दौर से ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी जल जीवन मिशन की योजना छत्तीसगढ़ में अमलों की कमी की वजह से भी सिसक रही है। कोरबा में क्रियान्वयन एजेंसी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई ) अमले की कमी से जूझ रहा। पीएचई में उप अभियंता (सब इंजीनियर ) के 12 पद स्वीकृत हैं। लेकिन उप अभियंताओं को अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) के पद पर पदोन्नत कर अन्यत्र जिलों में पदस्थ करने एवं रिक्त पदों की पूर्ति नहीं करने की वजह से विभाग के पास महज 3 सब इंजीनियर ही रह गए हैं। सत्यनारायण कंवर , अभिषेक विश्वकर्मा ,एवं दुर्गेश्वरी मिश्रा । इनमें सत्यनारायण कंवर करतला सब इंजीनियर के साथ कोरबा सब इंजीनियर के अतिरिक्त कार्यदायित्व देख रहे। दुर्गेश्वरी मिश्रा पाली सब इंजीनियर के तौर पर पदस्थ हैं।
वहीं बात करें कटघोरा में पदस्थ सब इंजीनियर अभिषेक विश्वकर्मा की तो हैं तो इन्हें पोंडी उपरोड़ा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। हाल ही में 30 जुलाई को कटघोरा एसडीओ हर्ष कवीर को बिलासपुर ईई का प्रभार दिए जाने की वजह से यह पद भी रिक्त रह गया था। लेकिन इस पद पर शासन ने एसडीओ की पदस्थापना नहीं की थी । विभाग ने चर्चित सब इंजीनियर अभिषेक विश्वकर्मा को एसडीओ का प्रभार सौंप दिया था । जिसके बाद से ही यह चर्चाएं होने लगी थी कि अब अपने ही जल जीवन मिशन के मूल्यांकित कार्यों को श्री विश्वकर्मा बतौर एसडीओ खुद ही सत्यापित करेंगे। उसी ब्लॉक के सब इंजीनियर को एसडीओ का प्रभार दिए जाने के विभागीय फैसले ने हैरत में डाल दिया था। सबसे बड़े डिवीजन वाले कटघोरा ब्लॉक में मल्टीविलेज स्कीम समेत 300 करोड़ के योजना की प्रगति गुणवत्ता ,एवं पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे थे। जिसे देखते हुए मीडिया के द्वारा 9 सितंबर को ‘संकट में पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन ! सब इंजीनियर को एसडीओ का प्रभार !अपने मूल्यांकन किए कार्यों का खुद करेंगे सत्यापन ‘ नामक शीर्षक से प्रमुखता से खबर जारी कर शासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया था। खबर ने कोरबा से लेकर रायपुर तक महकमे में खलबली मचाई थी। प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी छत्तीसगढ़ शासन ने कार्यालय मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ,परिक्षेत्र बिलासपुर में पदस्थ सहायक अभियंता (एसडीओ) आदित्य प्रताप को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखंड कटघोरा का कार्य करने निर्देशित किया है। इसके साथ ही कटघोरा एसडीओ का प्रभार देख रहे सब इंजीनियर अभिषेक विश्वकर्मा मूल पद सब इंजीनियर कटघोरा,अतिरिक्त प्रभार पोंडी उपरोड़ा के लिए भारमुक्त कर दिए गए हैं।
40 दिन के प्रभार के दौरान के कार्यों का पुर्न सत्यापन की दरकार
30 जुलाई को कटघोरा एसडीओ हर्ष कवीर को बिलासपुर ईई का प्रभार दिए जाने के बाद यह पद रिक्त था। 11 सितंबर को आदित्य प्रताप को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कटघोरा एसडीओ के पद पर कार्य करने का आदेश जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि 13 से 14 सितंबर के बीच उन्होंने प्रभार ले लिया है। इस तरह देखें तो एसडीओ का पद 40 दिन तक प्रभारी के भरोसे चला है। इस दौरान कटघोरा ,पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक के सब इंजीनियर श्री विश्वकर्मा ही एसडीओ के प्रभार में थे। लिहाजा पारदर्शिता के लिए इस दौरान के सत्यापित कार्यों का पुर्न सत्यापन की दरकार है।
बलरामपुर में चर्चित रहे हैं एसडीओ आदित्य प्रताप
नपपदस्थ एसडीओ आदित्य प्रताप सालों तक बलरामपुर -रामानुजंगज जिले के प्रभारी कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्थ थे। इस दौरान जल जीवन मिशन के स्वीकृत कार्यों में अपेक्षित गति गुणवत्ता नहीं पाए जाने का मामला शासन तक पहुंचा था। कुछ माह पूर्व इन्हें बलरामपुर से हटाकर मुख्य अभियंता परिक्षेत्र बिलासपुर में पदस्थ कर दिया गया था। जहां से अब कटघोरा एसडीओ के पद पर कार्य करने आदेशित किया गया है। गौरतलब हो श्री आदित्य कोरबा एसडीओ के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। जहां से इनका बलरामपुर -रामानुजंगज जिले में तबादला हुआ था। अब कोरबा में दूसरी बार वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ही सही इन्हें बतौर एसडीओ कार्य करने की महती जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिस पर ये कितना खरा उतरते हैं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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