माता-पिता व गुरुओं के सम्मान से बढ़ती है आयु – पं. प्रदीप मिश्रा

रायपुर, 12 नवंबर । राजधानी के गुढ़ियारी में शिव महापुराण कथा का आयोजन जारी है। वहीं कथावचक पं. प्रदीप मिश्रा अपने वचनों से भक्तों में आस्था का रस घोल रहे हैं, वहीं भक्त भी बहुत चाव से उन्हें सुनने पधार रहे हैं। शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन पं. प्रदीप मिश्रा ने मनुष्य को एक-दूसरे के प्रति प्रेम व सम्मान के भाव को रखने की बात कही। उन्होंने कहा माता-पिता का सम्मान व गुरूओं के आदर से ही हम जीवन में बेहतर मनुष्य साबित हो सकते हैं।

उन्होंने अपने कथा में कहा कि- लोग अपने हिसाब से जीवन जी रहे हैं। एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं। अपने कर्म के लिखे को भोलेनाथ की पूजा करके हटाने का प्रयास करना चाहिए न कि एक-दूसरे को नीचा दिखाने और हराने का कार्य करना चाहिए। यह बातें गुढ़ियारी में आयोजित शिव महापुराण में सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्रा ने कही। कथावाचक ने कहा कि माता-पिता, गुरु के सामने और मंदिर में सिर झुकाने से आयु बढ़ती है।

बच्चे, युवा अपने संस्कारों को न छोड़ें

घर-घर में पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव पर कहा कि अपने बच्चों को सनातनी संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा दें, मर्यादाओं का पालन करना, बुजुर्गों का सम्मान करना, धर्म के दिखाए मार्ग पर चलने से ही पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव को रोका जा सकता है। बच्चे चाहे अंग्रेजी पढ़ें या विदेश जाएं, इसमें बुराई नहीं है, लेकिन अपनी संस्कृति, पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों को न छोड़ें।

भीड़ से बचने के लिए टीवी पर सुनें कथा

पंडाल में उमड़ी हजारों की भीड़ को देखते हुए कथावाचक ने अपील की कि वे भीड़ से बचने के लिए अपने घर में टीवी पर कथा का आनंद लें। भगवान शिव सभी पर कृपा करेंगे। इतनी भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल है। उन्होंने सभी सदस्यों का आभार जताया जो भीड़ को नियंत्रित करने में लगे हैं।

कथा में दिया संदेश

– जैसा कर्म करते जाओगे वैसा भाग्य बदलता जाएगा

– सत्य कर्म, पूजा-पाठ करें, भोलेनाथ का नाम लेते रहें

– एक लोटा जल, बेलपत्र, पीपल पत्ता शिवलिंग पर चढ़ाएं

शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन आयोजक चंदन बसंत अग्रवाल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, बेमेतरा के विधायक आशीष छाबड़ा, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, कांग्रेस जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे, सभापति प्रमोद दुबे समेत अनेक अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कथा का शुभारंभ किया।