एमबीबीएस सीट नहीं बढ़ने से निराश एसएनएमएमसीएच को उम्मीद की एक और किरण दिखी है। यहां दो-चार दिनों में सीट बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। यानी एमबीबीएस की सीट 50 से बढ़ा कर 100 किए जाने की उम्मीद है। सीट बढ़ते ही पीजी की पढ़ाई का भी रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि सीट बढ़ाने को लेकर अभी तक नेशन मेडिकल कमीशन की ओर से अधिसूचना नहीं जारी की गई है।
बता दें कि एनएमसी ने निरीक्षण नहीं होने को आधार बता कर इस साल भी एसएनएमएमसीएच की एमबीबीएस सीट 50 से 100 नहीं की है। 50 एमबीबीएस सीट पर छात्रों को नामांकन शुरू हो चुका है। पहले चरण की काउंसिलिंग भी हो चुकी है। इस बीच एनएमसी ने दूसरी काउंसिलिंग की तिथि बढ़ा दी है। दूसरी काउंसिलिंग 12 से 15 नवंबर के बीच होनी थी। इसे बढ़ा कर 15 से 18 नवंबर कर दिया गया था। राज्यों को भी स्टेट कोटे के काउंसिलिंग की तिथि बढ़ाने को कहा गया है। स्टेट कोटे से दूसरे चरण की काउंसिलिंग 16 से 18 नवंबर को होनी थी।
अधिकारियों का कहना है कि एनएमसी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटें बढ़ाने वाली है। इसी कारण काउंसिलिंग की तिथि बढ़ायी गई है ताकि बढ़ी सीट के अनुसार छात्रों की काउंसिलिंग करायी जा सके और इस सत्र में बढ़ी सीट पर नामांकन हो सके।
प्रबंधन ने किया था सीट बढ़ाने का आग्रह
सीट मैट्रिक्स जारी होने के बाद भी एसएनएमएमसीएच प्रबंधन यहां सीट बढ़ाने को लेकर प्रयासरत था। प्रबंधन ने एनएमसी को पत्र लिखकर इसके लिए आग्रह भी किया था। यह भी कहा था कि यदि फिजिकल इंस्पेक्शन संभव न हो तो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का वर्चुअल इंस्पेक्शन करा लिया जाए।
कमियां लगभग दूर
आधारभूत संरचना के स्तर पर इस मेडिकल कॉलेज ने एनएमसी की बतायी सारी कमियां लगभग दूर कर ली हैं। पिछले दौरे में एनएमसी ने हॉस्पिटल में गैलरीनुमा लेक्चर थिएटर और ऑक्सीजन प्लांट नहीं होने पर आपत्ति जताई थी। यहां ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए पीएसए प्लांट लग चुका है और उससे ऑक्सीजन की आपूर्ति भी हो रही है। गैलरीनुमा लेक्चर थिएटर निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। पिछले निरीक्षण में फैकल्टी की कमी 30 प्रतिशत थी, जो घट कर 20 प्रतिशत हो चुकी है। इससे कम फैकल्टी वाले मेडिकल कॉलेजों को 100 सीट मिली है। सरकार के स्तर पर डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया भी चल रही थी।
वर्ष 2017 से चल रहा प्रयास
एसएनएमएमसीएच (तब पीएमसीएच) में एमबीबीएस की सीट 50 से बढ़ा कर 100 करवाने के लिए वर्ष 2017 से प्रयास चल रहा है। वर्ष 2013 में एमबीबीएस की सीट 50 से बढ़ा कर 100 की गई थी। वर्ष 2016 तक चार साल यहां 100 सीट पर नामांकन हुआ था। वर्ष 2017 में डिफिशिएंसी का हवाला देकर सीटें घटा कर वापस 50 कर दी गई थी। तब से यहां 50 सीट पर ही नामांकन हो रहा है और प्रबंधन सीट बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।
तो मिल जाएगी पीजी
एसएनएमएमसीएच में एमबीबीएस की सीट 100 होने पर यहां पीजी शुरू होने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। जो मापदंड एमबीबीएस की 100 सीट की है, लगभग वही पीजी की भी है। अधिकारियों के अनुसार सीट बढ़ने पर छह से सात विषयों में पीजी की अनुमति मिल सकती है।
एसएनएमएमसी के डॉ रवि भूषण ने कहा ‘एमबीबीएस की सीट बढ़ाने को लेकर हरसंभव प्रयास किया जा चुका है। एनएमसी ने काउंसिलिंग की तिथि बढ़ा दी है। उम्मीद है यह सीट वृद्धि के लिए किया गया है। 15 नवंबर के पहले स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। ‘
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