डेस्क। अगर किसी बैंक अकाउंट से लंबे समय तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं की जाती है, तो बैंकों के पास उसे इनएक्टिव अकाउंट के रूप में वर्गीकृत करने की प्रक्रिया होती है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के पास एक समय में कई बैंक खाते हैं और उनमें से कोई बैंक खाता ऐसा है, जिससे वह लेन-देन नहीं करता है, तो ऐसे बैंक खाते को बंद कर देना चाहिए क्योंकि कुछ बैंक न्यूनतम औसत मासिक/त्रैमासिक शेष राशि के रखरखाव के लिए जुर्माना शुल्क लगाते हैं। इसके अलावा, कुछ बैंक वार्षिक रखरखाव शुल्क भी लगाते हैं। ऐसे में जुर्माने ले बचना है तो इनएक्टिव बैंक खाते को बंद कर देना चाहिए।
अगर ग्राहक की ओर से बैंक खाते में लगातार 12 महीनों से अधिक समय तक कोई लेनदेन नहीं होता है तो बैंक इसे इनएक्टिव खाते के रूप में वर्गीकृत करते हैं। इसके अलावा, अगर उसी बैंक खाते से 12 और महीनों के दौरान भी कोई लेनदेन नहीं होता है तो वह खाता डोरमैंट खाता हो जाता है। डोरमैंट खाता घोषित किए जाने यह प्रक्रिया भारत के अधिकांश बैंकों द्वारा फॉलो की जाती है।
बता दें कि ग्राहक के डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, फोन बैंकिंग, ऑफलाइन बैंकिंग, थर्ड पार्टी ट्रांसफर, सावधि जमा से मिलने वाले ब्याज के क्रेडिट होने को बैंक खातों में लेनदेन माना जाता है, जो बैंक खाते को सक्रिय रखता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के बैंक खाते में इनमें से कोई भी काम होता रहेगा, तो उसका बैंक खाता इनएक्टिव नहीं माना जाएगा।
बैंक खाता कैसे बंद करें?
- आप जिस बैंक खाते को बंद करना चाहते हैं, उसकी बैंक शाखा में जाएं।
- बैंक के पास उपलब्ध खाता बंद करने का फॉर्म भरें।
- दूसरे बैंक खाते का विवरण प्रदान करें, जिसमें आप शेष राशि को स्थानांतरित करना चाहते हैं।
- यदि आवश्यक हो, तो डी-लिंकिंग खाता फॉर्म भरें।
- अनयूज्ड चेक बुक और डेबिट कार्ड जमा करें।
- खाता बंद करने के शुल्क का भुगतान करें, अगर शुल्क लगा है तो।
बैंक खाता बंद करने से पहले व्यक्ति को उसे क्रेडिट कार्ड भुगतान, ट्रेडिंग खाता और आवर्ती जमा आदि से डी-लिंक करना चाहिए। बता दें कि यदि बैंक खाता खोलने के 14 दिनों के भीतर बंद किया जाता है, तो आम तौर पर बैंक खाता बंद करने का शुल्क नहीं लेते हैं। वहीं, खाता बंद करने का शुल्क खोलने की तारीख से 14 दिनों और 1 वर्ष के बीच बंद किए गए बैंक खातों पर लगाया जाता है, जबकि 1 वर्ष पूरा होने के बाद खाता बंद कराने पर बैंक शुल्क ले भी सकते हैं या नहीं भी ले सकते हैं। खाता बंद करने का शुल्क हर बैंक में अलग-अलग हो सकता है। ग्राहकों को पहले ही इस संबंध में बैंक से स्पष्टीकरण ले लेना चाहिए।