दुर्ग । एक उम्र के बाद बीपी व शुगर की जांच नियमित रूप से कराते ही रहना चाहिए ताकि गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सके। अनियमित दिनचर्या और अनुचित खान-पान की वजह से स्वास्थ्य को काफी नुकसान होता है। अनुचित खान-पान व भाग-दौड़ भरी दिनचर्या की वजह से रक्त चाप पर भी इसका असर पड़ता है और तभी व्यक्ति उच्च रक्तचाप या फिर निम्न रक्त चाप का मरीज बन जाता है। विश्व रक्तचाप दिवस के अवसर पर जिले में ऐसी ही आवश्यक जानकारी से अवगत कराते हुए लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाएगा।
स्वास्थ्य केन्द्रों में रक्तचाप और मधुमेह की स्क्रीनिंग की जाएगी। इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेपी मेश्राम ने बताया कि ‘’प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष रूप से ओपीडी में आने वाले 30 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों के रक्तचाप की जांच की जाएगी। इसके अलावा मुख्य रूप से उच्च रक्तचाप से उत्पन्न होने वाली समस्याएं, बचाव, रोकथाम संबंधी जानकारी भी लोगों को दी जाएगी। इस वर्ष विश्व उच्च रक्तचाप दिवस “Measure your blood pressure accurately, control it, live longer” यानी “अपने रक्तचाप को सही तरीके से मापे इसे नियंत्रित करें, अधिक समय तक जीवित रहे।” की थीम पर मनाया जाएगा।”
आगे उन्होंने बताया कि ‘’अगर आपकी उम्र 30 वर्ष हो चुकी है तो जरूरी है कि आप नियमित रूप से रक्तचाप की जांच करवाएं। उच्च रक्तचाप कई कारणों से होता है जिनमें से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं। उच्च रक्तचाप से तेज सिरदर्द, थकान, भ्रम, देखने में समस्या, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, अनियमित रूप से बढ़ने वाली दिल की धड़कन, यूरिन में ब्लड आना ऐसे लक्षण हो सकते हैं। इससे बचने के लिए जंक फूड खाने से परहेज करने के साथ ही अनियमित जीवन शैली पर भी ध्यान देने की जरूरत है। जीवन में मानसिक तनाव को कम करने व शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिए डॉक्टर की सलाह से व्यायाम को नियमित दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।” उन्होंने अपील की है, अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में जाकर अपना बीपी और शुगर की जांच करवाएं और ले, स्वस्थ रहें-निरोग रहें।
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय एवं विकासखंड स्तर पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जागरूकता हेतु विशेष स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएंगे जिसमें उच्च रक्तचाप से संबंधित बीमारियों के रोकथाम हेतु एनपीसीडीसीएस (नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर डायबिटीज कार्डियोवैस्कुलर डिजीज एंड स्ट्रोक) कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों को जागरूक करने और “स्वस्थ जीवनशैली” अपनाने के बारे में भी बताया जाएगा।
उच्च रक्तचाप के कारण
नमक की अधिक मात्रा में सेवन, अनियमित दिनचर्या, अनियमित खानपान, तनाव,धूम्रपान या नशीली चीजों का सेवन करना, अत्यधिक वजन का बढ़ना।
रोकथाम व उपचार-
हरी साग-सब्जियों का सेवन ज्यादा करना, नमक का कम उपयोग करना, नशीली और धूम्रपान जैसी चीजों का सेवन ना करना, समय पर डॉक्टर से जांच कराकर और परामर्श लेना, डॉक्टर की सलाह से नियमित रूप से व्यायाम कारगर है।
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