‘पीएम मोदी ने यूपी, बिहार के लिए किया महाराष्ट्र का अपमान, सोनू सूद का बीजेपी कर रही थी सम्मान, अब हम पर कोरोना फैलाने का इल्जाम?’, बोले संजय राउत

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कल लोकसभा में अपने संबोधन में यह कहा कि जब देश एक होकर कोरोना से लड़ रहा था, तब मुंबई के रेलवे स्टेशनों के बाहर खड़े होकर महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेता मजदूरों को फ्री में ट्रेन की टिकटें बांट रहे थे. उन्होंने मजदूरों का खयाल करने की जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाया और मजदूरों को उनके गांव भेजकर यूपी-बिहार और देश भर में कोरोना फैलाया. पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए यह कह रहे थे. इस पर आज (8 फरवरी, मंगलवार) शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने अपनी प्रतिक्रिया दी. एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने भी आज पत्रकारों से बातचीत में कोरोना काल में ट्रेनों की लिस्ट के प्रमाण दिखाए और बताया कि कोरोना काल में गुजरात से 11 सौ से ज्यादा ट्रेनें चलाई गईं, महाराष्ट्र से 8 सौ से ज्यादा ट्रेनें चलाई गईं. ट्रेनें महाराष्ट्र सरकार नहीं चलाती है. ट्रेनें केंद्र सरकार चलाती है.

उन्होंने पीयूष गोयल के एक ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री महाराष्ट्र के सीएम से कह रहे थे कि श्रमिकों के लिए ट्रेनें तैयार हैं, आप श्रमिकों के लिस्ट भेजिए. देवेंद्र फडणवीस ने इसके लिए पीयूष गोयल का धन्यवाद भी किया था कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ से बात करके श्रमिकों की समस्याओं को हल किया. आज महाराष्ट्र पर कोरोना का सुपर स्प्रेडर होने का आरोप लगाया जा रहा है.

5 राज्यों के चुनावों का रख कर ध्यान, पीएम मोदी ने किया महाराष्ट्र का अपमान

संजय राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘कोरोना चीन से आया, यह सबको पता है. कोरोना नियंत्रण के लिए महाराष्ट्र के काम की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन और सुप्रीम कोर्ट ने भी की. ऐसे में महाराष्ट्र की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार पर कोरोना संक्रमण का आरोप लगाना यहां के स्वास्थ्य कर्मियों और महाराष्ट्र का अपमान है. पांच राज्यों के चुनावों को देखते हुए महाराष्ट्र पर नाकामियों का ठीकरा फोड़ा जा रहा है.’

सोनू सूद का सम्मान वे कर रहे थे, कोरोना हम फैला रहे थे?

संजय राउत ने कहा, ‘सोनू सूद मजदूरों को घर भेज रहे थे तब उनकी तारीफ कौन कर रहा था? हमने तो उन्हें बुला कर समझाया था कि जल्दबाजी ना करें. उस वक्त राजभवन में बुलाकर राज्यपाल उनका सम्मान कर रहे थे.’

संजय राउत ने अपनी ही सरकार को घेरा, ‘क्या अकेले मैंने ही लिया है ठेका ?’

संजय राउत ने यह भी कहा, ‘इन मुद्दों पर राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेताओं को भी बोलना चाहिए. सरकार में जो लोग बैठे हुए हैं, वे क्यों नहीं बोल रहे? क्या हर बार मैंने ही बोलने का ठेका लिया हुआ है? वे क्या कर रहे हैं? सरकार में होकर उनकी भी कोई भूमिका है या नहीं?’

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