आज पेश हुए बजट (Budget) से टैक्स छूट की राह देख रहे वेतनभोगियों को निराशा हाथ लगी है, हालांकि राहत की बात ये है महामारी के दबाव के बीच भी दरों में कोई बढ़त नहीं हुई है . आज पेश हुए बजट में वित्तमंत्री (Finance Minister) ने टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में कोई भी बदलाव नहीं किया है और दरें पिछली स्तरों पर ही बनी रहेंगी. हालांकि वित्त मंत्री ने अलग अलग वर्गों को कुछ विशेष छूट दी है. बजट से पहले आम लोगों से लेकर बीमा इंडस्ट्री तक उम्मीद कर रही थी कि टैक्स दरों से लेकर टैक्स छूट की सीमा को लेकर वित्त मंत्री बजट में कुछ ऐलान कर सकती हैं. माना जा रहा है कि महामारी की वजह से आय पर दबाव और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से सरकारी के पास टैक्स में छूट देने के विकल्प काफी कम थे.
टैक्स को लेकर क्या हुए हैं ऐलान
वित्त मंत्री ने आज अपने बजट ऐलान में आयकर के स्लैब और टैक्स दरों में कोई बदला नहीं किया है. आयकर के पुरानी व्यवस्था के अनुसार 60 साल से कम के टैक्सपेयर्स के लिये 2.5 लाख रुपये से कम आय पर कोई टैक्स नहीं है. वहीं 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत, 5 से 10 लाख रुपये के बीच आय पर 20 प्रतिशत , 10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 20 प्रतिशत का टैक्स लगेगा. वहीं नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं होगा. वहीं 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक 5 प्रतिशत, 5 लाख से 7.5 लाख रुपये तक 10 प्रतिशत टैक्स, 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक 15 प्रतिशत टैक्स , 10 से 12.5 लाख रुपये तक 20 प्रतिशत और 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक 25 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से ऊपर 30 प्रतिशत टैक्स लगता रहेगा.
क्या है टैक्स से जुड़े अन्य ऐलान
टैक्स रिटर्न के नियमों में राहत देते हुए सरकार ने 2 साल तक अपडेटेड आईटीआऱ फाइल करने का मौका दिया है. सरकार ने इस राहत का ऐलान करते हुए कहा कि इस कदम से करदाताओं की दौड़भाग घटेगी और कोर्ट के मामलों में भी कमी आएगी. ऐलान के अनुसार अगर कोई करदाता अपने आईटीआर में कुछ जानकारी देना भूल जाता है या फिर कोई जानकारी छूट जाती है तो वो उसे अगले 2 साल में सुधार सकता है.
इसके साथ ही NPS पर टैक्स राहत बढ़ी है. सरकारी कर्मचारियों के लिये एनपीएस योजना में टैक्स छूट का दायरा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया है.
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