सड़क निर्माण का किसानों ने किया विरोध, तहसीलदार ने दी समझाइश

बिलासपुर 21 जनवरी (वेदांत समाचार)। केंद्र सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट भारतमाला परियोजना के तहत ग्राम ढेंका से उरगा कोरबा तक 70.2 किमी तक स्वीकृत राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य प्रारंभ हो गया है। 17 सौ करोड़ की लागत से बनने वाली एनएच 13 ए के मार्ग में मस्तूरी विकासखंड के ग्राम लिमतरा, गतौरा परसदा, भिलाई, रलिया, हरदाडीह ,एरमसाही, नवागांव एवं मुड़पार के एक हजार किसानों के लगभग नौ लाख 60 हजार वर्ग मीटर की भूमि प्रभावित हो रही है। इसमें बड़ी संख्या में किसानों को जमीनों का मुआवजा नही मिल पाया है उन्होंने सड़क निमार्ण के कार्य को रोक दिया। इसकी जानकारी मिलते ही सीपत के अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी पहंुचे। उन्होंने समझाइश दी जिससे किसान मान गए।

इस अवसर पर राष्ट्रीय राजमार्ग के अभियंता गौरव शुक्ला, सीपत के पटवारी देव कश्यप एवं चंद्रकांत साहू ने प्रभावित ग्राम किसानों से उनके समस्याओं के बारे में विस्तार से बात की। किसानों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने कम भूमि का मुआवजा देकर ज्यादा जमीन अधिग्रहण कर ली गई है।


भारतमाला परियोजना में किसानों की समस्या बनी बाधा: 

भारतमाला परियोजना के तहत निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग में सभी प्रभावित किसानों के जमीन का राजस्व विभाग ने प्रारूप 10 का प्रकाशन कर दी गई था। और प्रकाशित जमीन का मुआवजा मिलने के बाद एलाइमेंट पोल लगा दी गई। इनमें कुछ किसानों को कम मुआवजा मिला था और उनकी ज्यादा जमीनें अधिग्रहण कर ली गई थी। किसानों के विरोध के बाद राजस्व विभाग ने बचे हुए किसानों की पूरक सूची बनाकर प्रकाशन कर दी है दूसरी प्रकाशन के बाद उन्हें भी मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

किसानों की समस्याओं पर जनसुनवाई : 

इस संबन्ध में अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी ने बताया कि समस्याओं को लेकर 22 जनवरी को 11 बजे लिमतरा में जनसुनवाई रखी गई है। गांव के 88 कृषकों का एक सौ 35 खसरा नम्बर की समस्या का निराकरण किए जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग सड़क निर्माण टीम के साथ ग्रामवासी एवं राजस्व विभाग के समक्ष सामान्य जनसुनाई का आयोजन किया गया है।