भारत-चीन के बीच हुई सैन्य वार्ता विफल, मगर गतिरोध को हल करने के लिए फिर बातचीत करेंगे दोनों देश

सीमा पर पिछले 20 महीने से जारी तनाव (India-China Border Dispute) को कम करने के लिए भारत-चीन (India-China) के बीच बुधवार को 14वें दौर की सैन्य वार्ता हुई. हालांकि, दोनों पक्षों के बीच हुई इस बातचीत के सकारात्मक परिणाम नहीं निकले. लेकिन दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में LAC पर जारी गतिरोध को हल करने के लिए पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान की दिशा में काम करने का फैसला किया है. बातचीत की गति को जारी रखने के लिए अगले दौर की सैन्य वार्ता (India-China Military Talks) के जल्द ही आयोजित होने की उम्मीद है.

भारत और चीन इस बैठक को लेकर आज अपने-अपने बयान जारी करने वाले हैं. हालांकि, ये साफ है कि भारतीय पक्ष स्प्ष्ट रूप से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साथ कोंगका ला (Kongka La) के पास गोगरा हॉट स्प्रिंग्स (Gogra-Hot Springs) में डिसइंगेजमेंट के मुद्दे को हल करने में विफल रहा है. इसके अलावा, भारतीय पक्ष दौलत बेग ओल्डी सेक्टर (Daulet Beg Oldi sector) में देपसांग बुलगे (Depsang Bulge) और डेमचोक सेक्टर (Demchok sector) में चारडिंग नाला जंक्शन (Charding Nullah Junction) में गश्त अधिकारों के मुद्दों को भी हल नहीं करवा पाया है.

भविष्य में दोनों पक्षों के बीच बातचीत रहेगी जारी

पूरी तरह से कूटनीतिक भाषा में दोनों पक्षों के बीच बातचीत किसी सकारात्मक परिणाम के रचनात्मक रही और दोनों देश ने माना कि पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने का काम प्रगति पर है. इसका साधी मतलब है कि भारतीय सेना (Indian Army) और PLA कमांडर दोनों भविष्य में एक-दूसरे से बातचीत करते रहेंगे. लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि क्या PLA गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में अप्रैल 2020 की यथास्थिति को बहाल करेगा और क्या ये देपसांग बुलगे या चारडिंग नाला जंक्शन के मुद्दे को हल करेगा. भारतीय सेना ने बातचीत में PLA के पैंगोंग त्सो पर एक पुल के निर्माण का मुद्दा उठाया.

मई 2020 से जारी है दोनों पक्षों के बीच तनाव

दरअसल, फैक्ट ये है कि चीन सीमा कानून और अनसुलझे LAC के अपने हिस्से में तेजी से सैन्य और तकनीकी अपग्रेडेशन के साथ 3,488 किमी लाइन को ‘नियंत्रण रेखा’ में बदल रहा है. भारतीय और चीनी सेनाएं मई 2020 से सीमा विवाद में उलझी हुई हैं. चीन ने एकतरफा प्रयास करते हुए सीमा पर स्थिति बदलने का प्रयास किया. वहीं, अब सीमा पर तनाव को देखते हुए दोनों पक्षों ने सीमा पर मिसाइल, रॉकेट, आर्टिलरी और टैंक रेजिमेंट के साथ हर तरफ सैनिकों के तीन से अधिक डिवीजनों की तैनाती है. इसके अलावा वायुसेना को भी स्टैंडबाय के तौर पर रखा गया है.