ट्वीटर पर ट्रेंड हो रहे रॉकेट ‘महारथी’ कौन है? जिन्हें मिली इसरो की कमान!

नेशनल डेस्क । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) ने सोमनाथ के. सिवन (Somnath K. Sivan) की जगह एस सोमनाथ (S. Somanath) को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) का चेयरमैन नियुक्त (Appointed Chairman) किया गया है। उनको अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग (Space Commission) प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कार्मिक मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है।

एस. सोमनाथ फिलहाल विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक हैं। सोमनाथ को रॉकेट इंजिनियरिंग का महारथी (Rocket ‘Maharathi’)माना जाता है। वह देश के सबसे शक्तिशाली स्पेस रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 लॉन्चर को डेवलप करने वाले वैज्ञानिकों की टीम की अगुआई कर चुके हैं। उन्होंने केरल के टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग से मकेनिकल इंजिनियरिंग में ग्रैजुएशन किया। इसके बाद आईआईएससी बैंगलोर से एयरोस्पेस इंजिनियरिंग में पीजी की डिग्री हासिल की।

1985 में वह विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से जुड़े। 2010 से 2014 तक वह जीएसएलवी एमके-3 प्रोजेक्ट के निदेशक थे। जीएसएलवी के तीन और पीएसएलवी के 11 सफल मिशनों में उनका अहम योगदान रहा। सोमनाथ ने करियर की शुरुआत पोलर सैटलाइट लॉन्चिंग व्हीकल (पीएसएलवी) से की थी। इसे डेवलप करने में उनका खास योगदान रहा। वह 22 जनवरी 2018 से लेकर अब तक विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) के डायरेक्टर का पद संभाल रहे थे।

एस सोमनाथ की गिनती चंद्रयान-2 के लैंडर के इंजन को विकसित करने वाले साइंटिस्ट के रूप में होती है। साथ ही जीसैट-9 में इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम की उड़ान को कामयाब बनाने के लिए भी वह चर्चित रहे हैं। सोमनाथ सेमी-क्रायोजेनिक इंजन प्रोजेक्ट से भी जुड़े रहे हैं। लॉन्च व्हीकल के स्ट्रक्चरल सिस्टम का उन्हें एक्सपर्ट माना जाता है। इसके साथ ही पीएसएलवी के इंटिग्रेशन डिजाइन को तैयार करने में भी उनका बड़ा योगदान रहा है।