8वीं के स्टूडेंट ने हॉस्टल में फांसी लगाई, सुसाइड नोट में लिखा- आगे जाने क्या होगा
भोपाल,19 फ़रवरी 2025/ सेंट जोसफ स्कूल के हॉस्टल में 8वीं के छात्र ने फांसी लगा ली। छात्र के पिता ने कहा- मेरा बेटा हिम्मत वाला था, ऐसा कदम नहीं उठा सकता। उसके साथ कुछ गलत हुआ है।
मामला स्कूल के तारा सेवनिया हॉस्टल में मंगलवार शाम करीब साढ़े 7 बजे का है। परवलिया पुलिस ने बुधवार दोपहर पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजन को सौंपा।
थाना प्रभारी रोहित सिंह नागर ने बताया- 14 साल के वंश के पिता संतोष कुशवाह नवीन नगर, ऐशबाग में रहते हैं। उनका बेटा दो साल से सेंट जोसफ स्कूल में पढ़ रहा था। वहीं हॉस्टल में रहता था। मंगलवार शाम योगा क्लास से आने के बाद उसने अपने कमरे में टॉवेल का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। फंदा खिड़की पर बांधा था।
लिखा- इसमें किसी की कोई गलती नहीं
वार्डन की सूचना पर पुलिस हॉस्टल पहुंची। एफएसएल टीम की निगरानी में रूम की तलाशी ली गई। यहां कॉपी का फटा पन्ना मिला। इस पर अंग्रेजी में सात-आठ लाइनें लिखी हैं। इनका हिंदी अनुवाद है-
आगे मेरी जिंदगी में क्या होगा, कुछ समझ नहीं आता। ऐसे कोई कैसे धोखा दे सकता है। हालांकि, इसमें किसी की कोई गलती नहीं है। सब अच्छे हैं। पता नहीं, आगे क्या होगा।
हैंड राइटिंग एक्सपर्ट्स इस पर लिखी राइटिंग और वंश की हैंड राइटिंग का मिलान कर रहे हैं।
सीसीटीवी फुटेज में कुछ संदिग्ध नहीं मिला
पुलिस ने हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज चेक किए। इसमें दिखा कि वंश मंगलवार शाम योगा क्लास अटैंड कर अपने रूम में आया। पानी की बॉटल लेकर उसे भरने बाहर आया। बॉटल भरने के बाद रूम में लौट गया। इसके बाद उसके रूम में रहने वाले तीन अन्य बच्चे मैस में खाना खाने चले गए।
उन्होंने लौटकर देखा तो वंश फांसी लगा चुका था। रूम का गेट बाहर से खुला था। इस दौरान सीसीटीवी कैमरे में वंश के रूम में कोई आता-जाता नहीं दिखा है।
पिता बोले- दोपहर में बात की तो सब ठीक था
वंश के पिता संतोष ऐशबाग में प्राइमरी स्कूल चलाते हैं। वंश से बड़ी एक बहन और छोटा एक भाई है। वंश के पिता ने दैनिक भास्कर से कहा- बेटा एक्टिव था। पढ़ाई से लेकर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में सक्रिय रहता था। योगा भी करता था।
मंगलवार दोपहर 3:30 बजे उसने हॉस्टल से ही कॉल कर मां से बात की थी। इस दौरान किसी परेशानी का जिक्र नहीं किया। बातचीत में सब कुछ नार्मल लग रहा था। उसने मुझ से भी बात की। मेरा बेटा आर्मी स्कूल में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। साइंटिस्ट बनना चाहता था।
संतोष ने बताया कि जिस खिड़की से फंदा लगाकर सुसाइड करना बताया जा रहा है, उसकी हाइट काफी कम है। टॉवेल भी काफी मोटा था। इससे आसानी से गांठ नहीं लग सकती। मुझे शक है कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
अस्पताल वाले छूने भी नहीं दे रहे थे
वंश के पिता का आरोप है कि घटना शाम करीब साढ़े सात बजे की है। हमें करीब साढ़े नौ बजे सूचना दी गई। जब अस्पताल पहुंचे तो बेटे को स्ट्रेचर पर देखा। अस्पताल वाले उसे छूने तक नहीं दे रहे थे। किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की। अस्पताल वाले इलाज नहीं कर रहे थे तो हॉस्टल स्टाफ उसे दूसरे अस्पताल क्यों नहीं ले गया? जब पोस्टमार्टम हुआ, तब भी स्कूल और हॉस्टल से कोई नहीं आया।