भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए दुनिया के कई देशों से लोग आवेदन कर रहे हैं. जिसमें से भारतीय नागरिकता के लिए सबसे अधिक आवेदन पाकिस्तान से प्राप्त हुए हैं. गृह मंत्रालय ने एक सवाल का जवाब देते हुए बुधवार को सदन के अंदर यह जानकारी दी है. जिसमें में गृह राज्य मंत्री ने नित्यानंद राय ने कहा कि दिसंबर तक सात हजार से अधिक पाकिस्तानी भारतीय नागरिकता के लिए इंतजार कर रहे हैं. साथ ही गृह राज्य मंत्री ने नित्यानंद राय ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान गृह मंत्रालय 4177 व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान कर चुका है.
भारतीय नागरिकता के लिए प्राप्त कुल आवेदनों में से अकेले 70 फीसदी पाकिस्तान से
संसद के अंदर बुधवार को सांसद अब्दुल बहाब की तरफ से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री ने नित्यानंद राय ने कहा कि 14 दिसंबर 2021 तक भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय को कुल जितने भी आवेदन प्राप्त हुए हैं, उसमें से 70 फीसदी अकेले पाकिस्तान से प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि 14 दिसंबर 2021 तक भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय को कुल 10635 आवेदन प्राप्त हुए थे. उसमें से अकेले पाकिस्तान से 7306 आवेदन आए हैं. जो किसी एक देश से प्राप्त होने वाले सबसे अधिक आवेदन हैं. हालांकि गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में यह नहीं बताया कि नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों में पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की संख्या कितनी है.
भारतीय नागरिकता के लिए चीन से भी 10 आवेदन
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने नागरिकता संबंधी सवाल को लेकर आंकडों संग विस्तार में जबाब देते हुए कहा कि भारतीय नागरिकता के लिए चीन से भी आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिसमें चीन से 10 लोगों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है. उन्होंने आगे कहा कि वहीं भारतीय नागरिकता के लिए अफगानिस्तान के 1152 आवेदनों पर अभी विचार किया जाना है. जिसमें से 428 लोग अफगानिस्तान से विस्थापित हैं. गृह राज्य मंत्री ने नित्यानंद राय ने कहा श्रीलंका और अमेरिका से भी भारतीय नागरिकता के लिए 223 आवेदन प्राप्त हुए हैं. वहीं नेपाल से भारतीय नागरिकता के लिए 189 आवेदन और बांग्लादेश से 161 आवेदन प्राप्त हुए हैं. गौरतलब है कि देश में विदेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता देने का अधिकार गृह मंत्रालय के पास है . इसके लिए विदेशी नागरिकोंं को पहले आवेदन करना होता है. उसके बाद प्राप्त आवेदनों के वेरिफिकेशन और स्क्रूटनी करने के बाद गृह मंत्रालय किसी भी आवेदक की नागरिकता पर अंतिम फैसला लेता है.
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