जिले के बुनकरों के बनाये पंरम्परागत हस्तनिर्मित उम्दा वस्त्र गुणवत्ता एवं उत्कृष्ट कारीगरी के लिए प्रसिद्ध

  • मुख्यमंत्री के स्कूली छात्रों के गणवेश वस्त्रों का क्रय करने के फैसले से जिले के बुनकरों में हर्ष
  • जिले के हस्तनिर्मित वस्त्र फेब इंडिया, ईखादी, ट्रायफेड, आई टोकरी, एक गांव, बेबाक स्टूडियो बिलासपुर, फ्लिपकार्ड, अमेजन ऑनलाईन प्लेटफार्म पर उपलब्ध
  • शासन द्वारा दिए जा रहे वित्तीय व तकनीकी सहायता से जिले के बुनकरों को मिली सहायता
  • शासन द्वारा विगत 3 वर्षो में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत बुनकरों को 3 करोड़ 79 लाख रूपए की सहायता राशि दी गई

राजनांदगांव 22 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। जिले में हाथकरघा बुनकरों को वस्त्र उत्पादन से सतत रोजगार मिला है। यहां के बुनकरों के बनाये पंरम्परागत हस्तनिर्मित उम्दा वस्त्र गुणवत्ता एवं उत्कृष्ट कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है। शासन द्वारा दिए जा रहे वित्तीय व तकनीकी सहायता से जिले के बुनकर शासकीय विभागों के लगने वाले वस्त्रों के अतिरिक्त स्थानीय बाजार में भी वस्त्रों का विक्रय कर रहे हैं। जिले के बुनकरों द्वारा निर्मित वस्त्र फेब इंडिया, ईखादी, ट्रायफेड, आई टोकरी, एक गांव, बेबाक स्टूडियो बिलासपुर, फ्लिपकार्ड, अमेजन के लिए ऑनलाईन प्लेटफार्म पर विक्रय के लिए उपलब्ध है। इससे प्रदेश के बुनकरों के लिए ग्लोबल मार्केट उपलब्ध हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के हजारों बुनकर परिवारों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए स्कूली छात्रों के गणवेश वस्त्रों का क्रय छत्तीसगढ़ हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित के माध्यम से करने को कहा है। मुख्यमंत्री के इस महत्वपूर्ण फैसले से हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ से जुड़े हजारों बुनकरों को नियमित रोजगार मिलेगा और उन्हें आर्थिक लाभ पहुंचेगा। इससे जिले के बुनकरों में हर्ष व्याप्त है।


हाथकरघा वस्त्र उद्योग कुटीर ग्रामोद्योग में पहले पायदान पर आता है। ग्रामीण कृषि के साथ हाथकरघा पर वस्त्र उत्पादन कर अतिरिक्त आय का सफल साधन बनाये हुए हंै। बुनकरों को रोजगार उपलब्ध कराने में छत्तीसगढ़ शासन की शासकीय वस्त्र प्रदाय योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बुनकर सहकारी समिति मर्यादित छुईखदान, बम्लेश्वरी बुनकर सहकारी समिति रामाटोला, लक्ष्मी बुनकर सहकारी समिति मेढ़ा में व्यापक तौर पर वस्त्रों का उत्पादन किया जा रहा है। जिले की 39 कार्यशील समितियों के 3350 करघों पर बुनकर सतत रोजगार प्राप्त कर रहे हंै। हाथकरघा पर वस्त्र उत्पादन हेतु धागों की आवश्यकता, धागों की रंगाई की सुविधा, वस्त्र बुनाई हेतु बुनाई एवं कौशन उन्नयन प्रशिक्षण की आवश्यकता, करघा तथा उपकरण की उपलब्धता, बाजार की सुविधा एवं इन सब कार्यो के लिए अनुसंधान विकास की संभावनाओं के दृष्टिगत ग्रामोद्योग संचालनालय हाथकरघा प्रभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएं से बुनकर लाभान्वित हो रहे हैं। बुनकरों को कलस्टर के रूप में संगठित कर विकासखण्ड स्तरीय हाथकरघा कलस्टर योजनांतर्गत सहायता एवं सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस कड़ी में विकासखण्ड छुरिया एवं राजनांदगांव में हाथकरघा कलस्टर सहायता स्वीकृत हुई है।


शासन द्वारा विगत 3 वर्षो में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत बुनकरों को 3 करोड़ 79 लाख रूपए की सहायता राशि दी गई है। इसके अंतर्गत समग्र हाथकरघा विकास योजना वर्ष 2019-20 में 84 लाख 70 हजार रूपए, वर्ष 2020-21 में 1 करोड़ 16 लाख 24 हजार रूपए, वर्ष 2021 में 32 लाख 90 हजार रूपए की सहायता दी गई। इसी तरह बनुकर आवास सह कर्मशाला में वर्ष 2019-20 में 12 लाख 50 हजार रूपए, वर्ष 2021 में 22 लाख रूपए, अनुसंधान विकास में वर्ष 2019-20 में 40 लाख 80 हजार रूपए, वर्ष 2020-21 में 9 लाख 90 हजार रूपए, रिवाल्विंग फण्ड में वर्ष 2019-20 में 1 लाख 50 हजार रूपए, बाजार अध्ययन हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी में वर्ष 2019-20 में 3 लाख रूपए, वर्ष 2021 में 2 लाख 50 हजार रूपए, हाथकरघा क्लस्टर में वर्ष 2021 में 3 लाख रूपए, रंगाई यूनिट स्थापना में वर्ष 2021 में 50 लाख रूपए की राशि प्रदान की गई।