महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल हेमा मालिनी को लेकर दिए अपने विवादास्पद बयान को लेकर घिर गए हैं. अपने विधानसभा क्षेत्र जलगांव जिले की सड़कों की तुलना अभिनेत्री हेमा मालिनी के गाल से करने की टिप्पणी करने के बाद मामले ने तूल पकड़ा तो अब मंत्री पाटिल ने माफी मांगी है.
दरअसल मंत्री गुलाबराव पाटिल ने हाल ही में बोधवाड़ नगर पंचायत चुनाव के दौरान एक चुनावी बैठक को संबोधित किया था. जहां उन्होंने अपने विरोधियों पर निशाना साधा. इसी दौरान उन्होंने कहा कि , ‘जो 30 सालों तक विधायक रहे, उन्हें मेरे विधानसभा क्षेत्र में आकर सड़कों को देखना चाहिए. अगर ये हेमा मालिनी के गाल जैसी नहीं हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.’ जिसके बाद मामले में विपक्षी दल बीजेपी समेत राज्य महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाया था.
मेरा इरादा किसी को चोट पहुंचाने का नहीं था: पाटिल
मामले के तूल पकड़ने के बाद अब मंत्री गुलाबराव पाटिल ने माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं, लेकिन मेरा इरादा किसी को चोट पहुंचाने का नहीं था. दरअसल मंत्री गुलाबराव पाटिल ने हाल ही में बोधवाड़ नगर पंचायत चुनाव के दौरान एक चुनावी बैठक को संबोधित किया था. राज्य के जलापूर्ति मंत्री पाटिल BJP के पूर्व नेता एकनाथ खडसे पर हमला बोल रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा कि , ‘जो 30 सालों तक विधायक रहे, उन्हें मेरे विधानसभा क्षेत्र में आकर सड़कों को देखना चाहिए. अगर ये हेमा मालिनी के गाल जैसी नहीं हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.’
वहीं मंत्री गुलाबराव पाटिल के इस बयान के बाद वह विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता बीजेपी के प्रवीण दारेकर ने कहा कि “पाटिल के खिलाफ महिलाओं को बदनाम करने के लिए एक अपराध शुरू किया जाना चाहिए. मैं देखना चाहता हूं कि महा विकास आगाड़ी सरकार मंत्री के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है.”
महिला आयोग ने दी थी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
वहीं मामले में राज्य महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया था. राज्य के महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए मंत्री से अपने बयान पर माफी मांगने को कहा है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने मंत्री पाटिल की टिप्पणी का संज्ञान लिया और अपनी टिप्पणी पर माफी नहीं मांगने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
[metaslider id="347522"]