मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लाऊखेड़ी इलाके में सोमवार को एक सीवेज लाइन के मैनहोल के अंदर इसकी गहराई नापने गये एक निजी कंपनी के एक इंजीनियर सहित दो कर्मचारियों की मौत हो गई. गांधी नगर थाने के प्रभारी अरुण शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इंजीनियर दीपक कुमार सिंह (28) एवं उनके सहायक भरत सिंह (22) की मौत हो गयी, दीपक उत्तरप्रदेश के कुशीनगर का था, जबकि भरत मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले का निवासी था.
उन्होंने कहा कि ये दोनों इस सीवेज लाइन के मैनहोल के अंदर इसकी गहराई नापने उतरे थे. ये दोनों गुजरात की अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी थे. इस कंपनी ने 2018 में सीवेज लाइन को बिछाने के लिए भोपाल नगर निगम से अनुबंध किया था.
शर्मा ने कहा कि कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि एक आदमी खुले मैनहोल में पड़ा है और जवाब नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम तुरंत वहां पहुंचे और दीपक को आसपास के लोगों की मदद से 20 फीट गहरे गड्ढे से निकाला.’’
जूतों से दूसरे व्यक्ति का पता चला
उन्होंने कहा,‘‘ लेकिन मैनहोल की किनारे हमने दो जोड़ी जूते देखे, जिससे हमें शक हुआ कि इसमें एक व्यक्ति और हो सकता है. इसलिए हमने मैनहोल के अंदर जाकर तलाशी की और भरत को भी वहां मृत पाया और उसे बाहर निकाला.’’ उन्होंने कहा कि दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही उनके मौत का सही कारण पता चलेगा. शर्मा ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच जारी है.
कुछ पुलिस कर्मिया का अनुमान है कि मैनहोल में जहरीली गैस से दम घुटने से दोनों की मौत हुई होगी. इसी बीच, मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने संभागायुक्त एवं प्रशासक नगर निगम भोपाल को अमृत योजना में भोपाल निगम की स्वीकृत सीवेज परियोजना के लाऊखेड़ी क्षेत्र में हुए हादसे की जाँच कराने के निर्देश दिये हैं.
सिंह ने कहा, ‘‘प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए हादसा/दुर्घटना के कारणों की जाँच आयुक्त नगर निगम भोपाल से करवा कर 24 घंटे के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें.’
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