बीजेपी MLA आशा पटेल का डेंगू से निधन, 44 साल की आयु में ली अंतिम सांस; पाटीदार समुदाय में थी पकड़…

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की दशहत के बीच गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की विधायक आशा पटेल (44 ) की डेंगू के इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गई. उनका अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. पार्टी नेताओं ने बताया कि महसाना जिले में ऊंझा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक पटेल जायडल अस्पताल में भर्ती थीं. 10 दिसंबर को उन्हें भर्ती किया गया था और वेंटिलेटर पर रखा गया था.

वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कहा कि मैं अत्यंत दु:ख के साथ सूचित करता हूं कि उंझा क्षेत्र की विधायक आशा पटेल अब हमारे बीच नहीं हैं. उन्हें डेंगू के इलाज के लिए अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनके मामले की गंभीरता ऐसी थी कि डॉक्टरों की एक टीम के तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका.

नितिन पटेल ने यह भी बताया कि उनके पार्थिव शरीर को उंझा ले जाया जाएगा और बाजार प्रांगण में रखा जाएगा, जहां आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे और उनका अंतिम संस्कार सोमवार को सिद्धपुर श्मशान घाट में किया जाएगा.

डेंगू के बाद फेफड़ों और किडनी में दिक्कत

बता दें, दिल्ली से लौटने के बाद उन्हें बुखार आया था और उन्हें पिछले 7 दिसंबर को डेंगू होने का पता चला. उंझा में दो दिन तक इलाज चला फिर उसके बाद उन्हें अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल में भर्ती लगाया गया. डेंगू होने के बाद उनके फेफड़ों और किडनी में दिक्कत होने लगी. डॉक्टर रिपोर्ट के मुताबिक, दिल और फेफड़े कमजोर हो गए थे. किडनी भी काम नहीं कर रही थी। इसलिए उन्हें फिलहाल लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया.

017 में कांग्रेस के टिकट पर बनी थीं विधायक

राज्य विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि आशा पटेल के कई अहम अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. आशा पटेल पाटीदार आंदोलन में सक्रिय थीं. वह 2017 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर उंझा से विधायक चुनी गई थीं, लेकिन फरवरी 2019 में सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गई थीं और फिर उपचुनाव जीत गई थीं.

2021 में 1,64,103 डेंगू के मामले दर्ज

बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मसुख मंडाविया ने राज्यसभा को संबोधित करेत हुए बताया था कि देश में 2019 में 2,05,243 मामलों के मुकाबले 2021 के दौरान 1,64,103 डेंगू के मामले दर्ज हुए. जबकि 2008 के बाद से एक प्रतिशत से भी कम मामले की मृत्यु दर को बनाए रखा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश में डेंगू की स्थिति पर लगातार नजर रखे है. डेंगू और कोविड-19 के बीच किसी विशिष्ट संबंध का सुझाव देने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.

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