परफॉर्मेन्स नहीं तो करियर खत्म! इशांत शर्मा के लिए कहीं आखिरी ना बन जाए साउथ अफ्रीका दौरा

क्या साउथ अफ्रीका दौरे के साथ खत्म हो जाएगा इशांत शर्मा का करियर? क्या 100 टेस्ट से ज्यादा का अनुभव रखने वाले इशांत के लिए आखिरी दौरा बनने जा रहा है साउथ अफ्रीका? साउथ अफ्रीका दौरे के लिए उड़ान भरने से पहले ही ये सवाल उठने शुरू हो गए हैं. भारत का साउथ अफ्रीका दौरा 26 दिसंबर से शुरू हो रहा है, जिसके लिए 16 दिसंबर को टीम इंडिया जोहानिसबर्ग के लिए रवाना होने वाली है. इस टीम में कई युवा तेज गेंदबाजों के साथ इशांत शर्मा को भी जगह मिली है. लेकिन, टीम में उनकी स्थिति अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा से कुछ अलग नहीं है. रहाणे और पुजारा की ही तरह साउथ अफ्रीका दौरे पर इशांत का भी परफॉर्मेन्स रडार पर होगा.

BCCI के एक टॉप अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, ” रहाणे को उप-कप्तानी से हटाना उनके लिए सीधी वार्निंग है. सीनियर सदस्य होने के नाते टीम को उनसे और ज्यादा योगदान की जरूरत है. यही चीज पुजारा के साथ भी है. वो भी टीम के साथ लंबे समय से हैं और टीम को बड़े मैचों में उनसे बड़ी पारी की आस है. अगर ये इस सीरीज में अपनी छाप छोड़ते हैं तो अपने टेस्ट करियर को लंबा कर लेंगे. ये बातें इशांत शर्मा पर भी लागू होती हैं.”

बुमराह, शमी के उदय ने कम किया इशांत का असर

भारतीय तेज गेंदबाजी में बुमराह और शमी के उदय ने इशांत शर्मा के असर को कम करने का काम किया है. वो अब टीम के थर्ड और फोर्थ चॉइस पेसर बन गए हैं, जिन्हें टीम में कंडीशन और टीम कॉम्बिनेशन के हिसाब से जगह मिलती है. इसी बीच मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर के उभरने से टीम की सिरदर्दी और बढ़ी है. इनके अलावा आवेश खान, प्रसिद्ध कृष्णा और नवदीप सैनी जैसे गेंदबाज भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. उमरान मलिक एक और उभरता नाम है, जो टीम में दस्तक देने की तैयारी में हैं. ऐसे में साफ है कि इशांत के लिए मुश्किलें तमाम हैं, जिनका इलाज बस परफॉर्मेन्स है.

पिछले 12 महीनों में खेले 8 टेस्ट

साउथ अफ्रीका दौरे के बाद भारत को अगली सीरीज घर में श्रीलंका से अगले साल फरवरी-मार्च में खेलनी है. घरेलू सीरीज में टीम 2 से ज्यादा तेज गेंदबाज प्लेइंग इलेवन में नहीं उतारती. इसके बाद भारत को अगला टेस्ट विदेशी जमीन पर ओल्ड ट्रेफर्ड पर खेलना है, जो कि पिछले सीजन में खेली 5 टेस्ट मैच की सीरीज का हिस्सा होगा. इशांत ने पिछले 12 महीनों में 8 टेस्ट में 32.71 की औसत से 14 विकेट चटकाए हैं. इस दौरान वो अपना वर्कलोड भी ढंग से मैनेज नहीं कर सके. लॉर्ड्स टेस्ट की दोनों पारियों में 5 विकेट लेने के बाद हेडिंग्ले पर खेले अगले टेस्ट में उन्होंने 22 ओवर में 92 रन लुटा दिए और कोई विकेट नहीं लिया. कानपुर में पिछले महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भी वो लय से भटके दिखे. ऐसे में जब उनकी मैच फिटनेस पर सवाल उठे तो बॉलिंग कोच पारस म्हाम्ब्रे को उन्हें डिफेंड करने सामने आना पड़ा.

105 टेस्ट में अब तक ले चुके हैं 311 विकेट

इशांत का पूरा करियर ही उतार-चढ़ाव वाला रहा है. 2008 में पर्थ टेस्ट से अपनी पहचान बनाने के बाद उन्होंने कामयाबी की कई सीढ़ियां चढ़ी. जब खराब फॉर्म ने उन्हें एक बार भारतीय टीम से बाहर किया तो ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी ने उन्हें फिर से करियर संवारने में मदद की. इशांत शर्मा 105 टेस्ट में 311 विकेट ले चुके हैं और हो सकता है कि इस बार साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेलते दिखें.