ओमीक्रॉन की चिंता के बीच सोने में बढ़ी निवेशकों की रुचि, नवंबर में Gold ETFs में 683 करोड़ का निवेश आया…

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETFs) के प्रति निवेशकों का आकर्षण बरकरार है. नवंबर में गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) में 683 करोड़ रुपये का निवेश आया है. पीली धातु की कीमतों में ‘करेक्शन’ और कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए स्वरूप ओमीक्रॉन को लेकर चिंता बढ़ने की बीच गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान बढ़ा है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.

अक्टूबर में गोल्ड ईटीएफ में नेट रूप से 303 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, वहीं सितंबर में यह 446 करोड़ रुपये रहा था. इससे पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ में 24 करोड़ रुपये का निवेश आया था.

ओमीक्रॉन की चिंता से सोने में बढ़ा निवेश

एलएक्सएमई की संस्थापक प्रीति राठी गुप्ता ने कहा, नवंबर में गोल्ड ईटीएफ में उल्लेखनीय प्रवाह दर्ज हुआ. कोविड-19 के नए स्वरूप से अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ी है. बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाव के लिए निवेशक बचत के परंपरागत तरीके की ओर रुख कर रहे हैं.

मॉर्निगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, नवंबर में सोने की कीमतों में ‘करेक्शन’ तथा ओमीक्रॉन को लेकर चिंता के बीच निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने का आकर्षण बढ़ा है.

ताजा प्रवाह के बाद गोल्ड ईटीएफ में निवेश का आंकड़ा इस साल 4,500 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इस साल सिर्फ जुलाई में गोल्ड ईटीएफ से 61.5 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी.

नवंबर में फोलिया की संख्या 10 फीसदी बढ़ी

यह निवेशकों की अपने निवेश पोर्टफोलियो के हिस्से के रूप में पीली धातु को पसंद करने की ओर इशारा करता है. नवंबर में श्रेणी में फोलियो की संख्या को 10 फीसदी बढ़ाकर 29.29 लाख करने में मदद की, जो पिछले महीने अक्टूबर में 26.6 लाख थी.

संख्या बताती है कि सोने ने निवेशक के पोर्टफोलियो में अपनी संपत्ति आवंटन आवश्यकता के हिस्से के रूप में प्रवेश किया है जैसा पहले कभी नहीं हुआ. पीली धातु को ट्रैक करने वाले ईटीएफ में निवेश अगस्त 2019 से लगातार बढ़ रहा है. हालांकि, एसेट क्लास में नवंबर 2020 में 141 करोड़ रुपये, फरवरी 2020 में 195 करोड़ रुपये और जुलाई 2021 में 61.5 करोड़ रुपये की निकासी हुई.

श्रीवास्तव ने कहा कि एक निवेशक के पोर्टफोलियो में सोना एक रणनीतिक संपत्ति के रूप में काम करता है, एक प्रभावी विविधीकरण के रूप में काम करने की क्षमता देता है और मुश्किल परिस्थितियों और आर्थिक मंदी के दौरान नुकसान को कम करता है.

उन्होंने कहा कि इस पहलू पर निवेशकों का ध्यान नहीं गया, जो कि गोल्ड ईटीएफ श्रेणी में लगातार शुद्ध प्रवाह से स्पष्ट है. गोल्ड ईटीएफ की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) नवंबर के अंत में बढ़कर 18,104 करोड़ रुपये हो गई, जो अक्टूबर के अंत में 17,320 करोड़ रुपये थी.