सरकार ने मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के पद के लिए तीन लोगों को शॉर्टलिस्ट किया है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार जल्द ही इनमें से चुनाव कर सकती है. के वी सुब्रमण्यम का तीन साल कार्यकाल 17 दिसंबर को खत्म हो रहा है. इन तीन लोगों में नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लायड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) की डायरेक्टर जनरल पुनम गुप्ता, वित्त मंत्रालय में प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवायजर संजीव सान्याल और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र विभाग की हेड पामी दुआ शामिल हैं.
गुप्ता को इससे पहले विश्व बैंक में भारत की ओर से मुख्य अर्थशास्त्री और इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) में ग्लोबल मैक्रो और मार्केट रिसर्च में मुख्य अर्थशास्त्री रह तुकी हैं. वे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की चेयर प्रोफेसर भी रह चुकी हैं.
सान्याल 2017 में नियुक्त किए गए थे
सान्याल को फरवरी 2017 में वित्त मंत्रालय में प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवायजर नियुक्त किया गया था. दुआ 2016 से 2020 तक आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के सदस्य रहीं थीं. ईटी को मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि नए CEA के नाम का ऐलान एक से दो हफ्तों में होने की उम्मीद है. क्योंकि सुब्रमण्यम का कार्यकाल 17 दिसंबर को खत्म हो रहा है. नए सीईए को वित्त वर्ष 2022 के लिए आर्थिक सर्वे तैयार करना होगा, जिसे बजट से एक दिन पहले संसद के पटल पर रखा जाना है. बजट 1 फरवरी को पेश होना है.
नए सीईए को चुनने लिए बनाए गए सर्च और सिलेक्शन पैनल की अगुवाई 15वें वित्त आयोग के प्रमुख एनके सिंह कर रहे हैं. इस पैनल में आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल और ट्रेनिंग (DoPT) के सचिव भी शामिल हैं. पैनल को पद के लिए 10-12 ऐवेदन मिले हैं और उसने अपनी सिफारिशें सरकार के पास भेज दी हैं. आवेदन करने की आखिरी तारीख 15 नवंबर थी.
सुब्रमण्यम ने अक्टूबर में दिया था इस्तीफा
सुब्रमण्यम ने 8 अक्टूबर को ऐलान किया था कि वह अपनी तीन साल के कार्यकाल को आगे बढ़ाने के लिए कोशिश नहीं करेंगे. और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद में वापस जाएंगे, जहां वे फाइनेंस के प्रोफेसर के तौर पर काम करते रहे हैं.
आपको बता दें कि मुख्य आर्थिक सलाहकार सरकार को फाइनेंस, कॉमर्स, ट्रेड, इकोनॉमी जैसे मुद्दों पर विचार देता है. इसकी रिपोर्टिंग मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस में होती है. डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स यानी DEA के अंतर्गत आने वाले इकोनॉमिक डिविजन की जिम्मेदारी CEA के पास ही होती है. डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स (DEA) के अंतर्गत आना वाला इकोनॉमिक डिविजन डोमेस्टिक और इंटरनेशनल लेवल पर इकोनॉमिक ट्रेंड को देखता है उससे सरकार को अवगत कराता है. यह सरकार को बदलते हालात के बारे में जानकारी देता है और इन्हीं जैसे लोगों के बताए सुझाव के आधार पर सरकार अपनी नीति तैयार करती है.
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