जिला अस्पताल में हुई गर्भाशय गांठ की जटिल सर्जरी, सरकारी सुविधाओं में बढ़ोत्तरी का आम लोगों को मिल रहा लाभ

रायपुर 10 दिसंबर (वेदांत समाचार)। बीते एक वर्ष से अनियमित मासिक चक्र, पेट में दर्द और अत्याधिक रक्त स्राव की परेशानी से जूझ रही धनवंती साहू (बदला हुआ नाम) कहती है,  ”शुरू के एक दो महीने तो मुझे  कुछ समझ नहीं आया लेकिन धीरे-धीरे परेशानी बढ़ती गई और सही इलाज भी समझ नहीं आ रहा था।  फिर मैने गुढ़ियारी के शासकीय अस्पताल में अपनी जांच करवाई  वहां से मुझे जिला अस्पताल कालीबाड़ी रेफर किया गया। यहां पर मेरी सभी जरूरी जाँचें की गई और उसके बाद मुझे  पता चला  कि मेरे गर्भाशय में गांठ हैं  जिस कारण से मुझे  इन समस्याओं का सामना  करना पड़ रहा है। इसके बाद डॉक्टरों  की टीम ने ऑपरेशन कर गांठ को निकाल दिया गया अब मैं स्वस्थ महसूस कर रही हूं और मुझे यहां  सारी सुविधाओं का निशुल्क लाभ मिला है।”

इस संबंध में डॉ. पद्मिनी सिंह स्त्री रोग विशेषज्ञ बताती है, ‘’मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल एवं सिविल सर्जन डॉ.पीके गुप्ता के मार्गदर्शन में विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल तैयार कर ऑपरेशन पूर्व की तैयारियों एवं अन्य जांच का कार्य प्रारंभ किया गया। धनवंती के गर्भाशय में लगभग ढाई किलो का ट्यूमर मौजूद था। इसके अलावा धनवंती को रक्तस्राव अत्यधिक होने के कारण उसका हीमोग्लोबिन काफी कम था । जब वह यहां आई तब उसका हीमोग्लोबिन केवल 7 ग्राम था । ऑपरेशन के पूर्व उसको रक्त भी चढ़ाया गया । ज्यादातर गर्भाशय का वजन 100 ग्राम तक होता है,लेकिन गांठ पड़ जाने के कारण उसके गर्भाशय को निकालने में टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस जटिल ऑपरेशन करने में लगभग डेढ़ से 2 घंटे लग गए।”

इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल कहती हैं, “वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण की गति कम है । अब हमारे जिला अस्पताल में मेजर सर्जरी भी चालू कर दी गई है । सर्जरी के दौरान कोविड-19 के बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए सर्जरी की जा रही है । गर्भाशय में गांठ की परेशानी 35 से 40 साल के बीच में होती है। अधिकतर महिलाएं लोक-लाज के कारण बीमारी किसी को बताती नहीं हैं और अंदर ही अंदर इसे सहती रहती है। गर्भाशय की गांठ का सही समय पर इलाज न हो तो यह आगे जाकर गर्भाशय कैंसर का रूप भी ले सकती है। लिहाजा जिन महिलाओं में इस तरह के लक्षण दिखे तो तुरंत अस्पताल जाकर इलाज कराएं।”

इस ऑपरेशन को करने में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पद्मिनी सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.मीना सैमुअल, डॉ.रजनी, डॉ.रश्मि आभा मिज़, एनेस्थीसिया देने के लिए डॉ. चंद्रा राव एवं स्टाफ नर्स सुनीता यादव के द्वारा घण्टों चले जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए गर्भाशय की गांठों को निकाला गया। इस ऑपरेशन के बाद वर्तमान में महिला पूर्णतः स्वस्थ है। जल्द ही जांच उपरांत उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाऐगी।

आमतौर पर लोग गर्भाशय की गांठ को गर्भाशय का कैंसर समझ लेते हैं और छुपाने की कोशिश करते हैं जबकि दोनों ही परिस्थिति में तुरंत ही स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए ताकि समय रहते सुरक्षित और कारगर इलाज किया जा सके समय पर इलाज संभव हो जाता है, देर होने से जोखिम बढ़ने लगता है। धनवंती ने भी समय पर अपना इलाज करवाया इससे कह सकते हैं कि उसके जीवन का जोखिम कम हो गया और समय रहते एक जीवन को बचा लिया गया ऐसे समय में यदि महिलाएं अपनी बीमारियों को छुपाती है तो जान का जोखिम अत्यधिक बढ़ जाता है ।

गर्भाशय में गांठ के लक्षण

नाभि के नीचे पेट में दबाव या भारीपन महसूस होना। माहवारी के समय या बीच में ज्यादा रक्तस्राव, जिसमे थक्के भी आते हैं। मासिक धर्म का सामान्य से अधिक दिनों तक चलना। बार-बार पेशाब आना। नाभि के नीचे पेट में दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द। कमजोरी महसूस होना।मासिक धर्म के समय दर्द की लहर चलना। एनीमिया। प्राइवेट पार्ट से हमेशा खून आना।  

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