CM योगी के एक्शन से बच नहीं सके MP और MLA भी, आखिर क्यों चला था आजम खान और मुख्तार अंसारी की प्रोपर्टी पर बुलडोजर…

उत्तर प्रदेश की सियासत में बीते साढ़े चार साल के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने माफियाओं को जमकर खदेड़ा है. सीएम ने प्रदेश में अपराधियों और माफियाओं के अवैध निर्माण पर खूब बुलडोजर चलवाया है. सीएम के बुलडोजर की चपेट में केवल अपराधी और माफिया ही नहीं आए, बल्कि विधायक और सांसद भी इसकी चपेट में आए हैं. कोई ये बात कैसे भूल सकता है कि बसपा नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और सपा के सांसद आजम खान (Azam Khan) इन दोनों लोगों के कथित अवैध निर्माण के खिलाफ यूपी सरकार ने बुलडोजर का इस्तेमाल किया था.

इस बात को लेकर काफी हंगामा भी हुआ था. इस बात को लेकर जब सीएम योगी आदित्यनाथ से पूछा गया कि मुख्तार अंसारी और आजम खान के अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर इस्तेमाल करने के पीछे क्या मकसद था आपका. तो उन्होंने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए ऐसा किया गया था. हम अपने साथ माफिया को लेकर नहीं चलते हैं. हम उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं. हमारी सरकार गरीबों और दलितों के लिए माफियाओं की जमीन पर घर बनाएगी.

सीएम ने कहा यूपी में माफिया और अपराधियों के लिए नहीं कोई जगह

सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में माफियाओं, अपराधियों और अराजक तत्वों को शरण देने वालों के लिए कोई जगह नहीं है. हम जब गांव, किसान, नौजवान और विकास के लिए काम कर रहे थे, तो यह जरूरी था कि राज्य में माफिया कल्चर को समाप्त किया जाए. जोकि राज्य के विकास की राह में रोड़ा बने हुए हैं. इसलिए हमने अभी तक की कार्रवाई में 1800 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सीज की है, इसमें मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, विजय मिश्रा, सुंदर भाटी जैसे कई नाम हैं, जिससे पब्लिक को मैसेज जाए कि ये सरकार माफियाओं के खिलाफ है, और चाहे कितना ही बड़ा नाम क्यों ना हो, बख्शा नहीं जाएगा.

पिछली सरकारें करती थी माफियाओं का समर्थन

सीएम योगी ने कहा कि हमने भ्रष्टाचारियों, अपराधियों और गैंगस्टर्स के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल किया है. यदि अखिलेश यादव को बुलडोजर से समस्या है तो इससे जाहिर होता है कि उन्हें अपराधियों और गैंगस्टरों में दिलचस्पी और उनसे सहानुभूति है, जो पिछले कई सालों से लोगों को प्रताड़ित करते रहे हैं. राज्य की पिछली सरकारों की प्राथमिकता दूसरी थी और वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए माफियाओं का समर्थन करते थे, जिसका परिणाम ये होता था कि गरीब आदमी, उद्योगपति और कारोबारी परेशान होते थे.