Omicron के खतरे के बीच मध्य प्रदेश को केंद्र सरकार से मिली मदद, टेस्टिंग के लिए भेजी गई 5 जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन..

कोरोना के नए वेरियंट ओमीक्रॉन (Covid Omicron) को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच केंद्र सरकार ने जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) के लिए मध्य प्रदेश को पांच मशीन दी है. हालांकि, प्रदेश में अब तक ओमीक्रॉन संक्रमण का कोई मामला नहीं मिला है. यह मशीनें राजधानी भोपाल (Bhopal), इंदौर समेत कुल पांच जिलों में लगेंगी.

मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने यहां बताया कि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग (Health Minister Vishwas Sarang) ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) से मुलाकात की. इस मुलाकात में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने मध्य प्रदेश को कोरोना वायरस के हर स्वरूप की जांच करने में सक्षम जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पांच मशीन दी है. ये मशीन भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा और ग्वालियर में लगाई जायेंगी.

दिल्ली भेजे सैंपलों की 10-12 दिन में आती थी रिपोर्ट
सारंग ने कहा कि अब तक राज्य के सैंपलों को दिल्ली भेजा जाता था, जिसकी रिपोर्ट 10 से 12 दिन बाद आती थी, लेकिन जैसे ही जीनोम सिक्वेंसिंग करने वाली ये मशीन राज्य में लग जायेंगी, जांच रिपोर्ट जल्दी मिल जायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में इनसे बड़ी मदद मिलेगी और इसका लाभ राज्य की जनता को मिलेगा. मंत्री ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश में फिलहाल कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रॉन का कोई मामला नहीं है.

भोपाल में बनेगा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल
सारंग ने कहा कि हमने राज्य के छह मेडिकल कॉलेज के लिए विशेष बजट के आवंटन की मांग की थी, जिससे कि यहां के सरकारी नर्सिंग कॉलेज को बेहतर बनाया जा सके. उन्होंने बताया कि मांडविया ने इस मद में विशेष बजट के आवंटन पर सहमति जताई है. साथ ही, राजधानी भोपाल में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी बनाया जायेगा.

देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमीकॉन की एंट्री के बाद से प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है. सरकार ने तीसरी लहर की तैयारी को लेकर जिलों में अस्पतालों में तैयारी रखने के निर्देश भी दिए हैं. भोपाल में जेपी अस्पताल और हमीदिया अस्पताल में पीडियाट्रक आईसीयू तैयार की जा रही है

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]