IIT कानपुर के वैज्ञानिक का दावा- भारत में जनवरी के दूसरे हफ्ते में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, केस बढ़ेंगे लेकिन असर होगा कम…

09 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। कोरोना के नए वेरियंट का खतरा बना हुआ है. ऐसे में तीसरी लहर की आशंका भी बनी हुई है . इस बीच आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि साउथ अफ्रीका में 18 से 23 दिसंबर तक तीसरी लहर अपनी पीक पर होगी. वहीं भारत में तीसरी लहर जनवरी में दतस्क दे सकती है, हालांकि राहत की बात यह है कि इसका असर दूसरी लहर से थोड़ा कम होगा.

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि साउथ अफ्रीका का पूरा डाटा मिल गया है, उसी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है. उन्होंने बताया कि नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे पर वह शोध कर रहे हैं. इसके आधार पर उन्होंने दावा किया है कि कोरोना की तीसरी लहर साउथ अफ्रीका में 18 से 23 दिसंबर तक पीक पर आ सकती है. प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि भारत को लेकर वह जल्द ही ब्यौरा जारी करेंगे.

जनवरी के दूसरे या तीसरे हफ्ते में आएगी तीसरी लहर

अग्रवाल ने कहा कि बुधवार शाम तक मिले आंकड़ों के अनुसार ऐसा लग रहा है कि यह भारत में बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि लेकिन इसका झटका दूसरी लहर से कम होगा. इसमें किसी को घबराने की जरूरत नहीं है. जनवरी के दूसरे या तीसरे हफ्ते में तीसरी लहर आ सकती है. इसके अलावा तीसरी लहर में संक्रमण तेजी के साथ फैलेगा. लेकिन, घबराने की जरूरत नहीं है, यह सिर्फ खासी और जुकाम की तरह ही रहेगा, क्योंकि पहले से ही भारतीयों की इम्युनिटी काफी मजबूत है.

17 और 18 दिसंबर को की जाएंगी मॉक ड्रिल

वहीं यूपी की बात करें तो प्रदेश में गुरुवार सुबह 5 नए मरीज पाए गए. फाइनल रिपोर्ट दोपहर बाद आएगी. संक्रमण के प्रसार के खतरे को देखते हुए शासन अस्पतालों की व्यवस्था परखेगा. इसके लिए 17 व 18 दिसंबर को मॉक ड्रिल होंगी. यूपी में बुधवार को 1 लाख 72 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 10 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. वहीं, 3 मरीज डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 8 करोड़ 87 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 42.3 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें अब तक सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे.

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