आने वाले समय में और सताएगी महंगाई! देश के आम आदमी को जरूर जाननी चाहिए RBI गवर्नर की ये 5 बड़ी बातें

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति को पेश किया. शक्तिकांत दास ने बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए ब्याज दरों को स्थिर रखने का ऐलान किया. रेपो रेट 4 फीसदी पर, रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है. MPC ने अपना अकोमोडिटिव रुख बरकरार रखा है.

आपको बता दें कि पिछले साल (साल 2020) मार्च में RBI ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी और मई में 0.40 फीसदी की कटौती की थी. इन कटौतियों के बाद रेपो रेट 4 फीसदी के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया था.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के भाषण की 5 प्रमुख बातें-

1. महंगाई से निपटने के लिए देश के पास उपलब्ध है मजबूत बफर स्टॉक

उन्होंने कहा कि फिलहाल देश की घरेलू अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि, उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया कि कोविड-19 जैसी समस्याओं से निपटने के लिए हमारा देश पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए हमारे पास एक ताकतवर बफर स्टॉक भी उपलब्ध है.

2. सामान्य गति से चलती रहेगी देश की तरक्की

आरबीआई ने रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. इसका सीधा मतलब ये रहा कि देश की तरक्की सामान्य गति से चलती रहेगी. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने फिस्कल इयर 2022 की तीसरी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान पहले के लगाए गए अनुमान 6.8 फीसदी से घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है.

3. आने वाले समय में महंगा हो सकता है डिजिटल पेमेंट

शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल भुगतान पर शुल्क वसूलने के लिए एक चर्चा पत्र जारी करेगा. इससे साफ जाहिर होता है कि आने वाले समय में डिजिटल पेमेंट करने पर शुल्क के रूप में आपको अतिरिक्त भुगतान करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि आरबीआई, यूपीआई आधारित फीचर फोन उत्पाद लॉन्च करने की तैयारी में भी लगा हुआ है.

4. लिक्विडिटी घटाने की कोशिशें होगी तेज

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कंजप्शन डिमांड में सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि OMO के जरिए जनवरी, 2022 से लिक्विडिटी घटाने की कोशिश की जाएगी. गवर्नर ने कहा कि जनवरी, 2022 से लिक्विडिटी एडजस्टमेंट की योजना पर काम होगा.

5. पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटने से खरीदारी क्षमता में हुई बढ़ोतरी

केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट में कटौती से मांग में बढ़ोतरी की संभावना है. सरकार के इस फैसले से खरीदारी की क्षमता में भी बढ़ोतरी हुई है. आरबीआई ने कच्चे तेल की कीमतों में कटौती का भी संज्ञान लिया है.

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