पहले खाड़ी का तेल आता था, अब झाड़ी का भी तेल आने लगा है, इथेनॉल उत्पादन पर बोले पीएम मोदी

गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट की शुरुआत करने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथेनॉल उत्पादन (Ethanol Production) पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के लिए कच्चे तेल पर भारत हर वर्ष 5-7 लाख करोड़ रुपए खर्च करता है. इस आयात को हम इथेनॉल और बायोफ्यूल पर बल देकर कम करने में जुटे हैं. पूर्वांचल का ये क्षेत्र तो गन्ना किसानों का गढ़ है. इथेनॉल, गन्ना किसानों के लिए चीनी के अतिरिक्त कमाई का एक बहुत बेहतर साधन बन रहा है. उत्तर प्रदेश में ही बायोफ्यूल बनाने के लिए कई फैक्ट्रियों पर काम चल रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले यूपी से सिर्फ 20 करोड़ लीटर इथेनॉल तेल कंपनियों को भेजा जाता था. आज करीब-करीब 100 करोड़ लीटर इथेलॉन अकेले उत्तर प्रदेश के किसान देश की तेल कंपनियों को भेज रहे हैं. पहले खाड़ी का तेल आता था, लेकिन अब झाड़ी का भी तेल आने लगा है.

गन्ना किसानों के लिए किया काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) के लिए बीते सालों में अभूतपूर्व काम किया है. गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य, हाल में 350 रुपए तक बढ़ाया है. पहले की 2 सरकारों ने 10 साल में जितना भुगतान गन्ना किसानों को किया था, लगभग उतना योगी सरकार ने अपने साढ़े 4 साल में किया है.

केंद्र सरकार का मिशन इथेनॉल

फिलहाल, ऑयल मार्केटिंग कंपनियां 10 फीसदी तक इथेनॉल के साथ ब्लेंडेड पेट्रोल को बेचती हैं. केंद्र सरकार के मुताबिक अप्रैल 2023 से पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग शुरू हो जाएगी. इससे किसानों को फायदा होगा. सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है, ताकि पेट्रोलियम पर खर्च कम हो और इथेनॉल के जरिए किसानों की आमदनी में वृद्धि हो.

केंद्र सरकार के मुताबिक 2013-14 में तेल कंपनियों द्वारा इथेनॉल की 38 करोड़ लीटर खरीद होती थी, जो अब 2020-21 में बढ़कर 350 करोड़ लीटर से अधिक हो गई है. इथेनॉल उत्पादन की सबसे ज्यादा 35 करोड़ लीटर की क्षमता बलरामपुर चीनी मिल के पास है.

खाद्य तेलों पर सरकार का काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज खाने के तेल को आयात (Edible oil Import) करने के लिए भी भारत हर साल हजारों करोड़ रुपए विदेश भेजता है. इस स्थिति को बदलने के लिए देश में ही पर्याप्त खाद्य तेल के उत्पादन के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरु किया गया है. सरकार ने हाल ही में पाम ऑयल मिशन के तहत 11,040 करोड़ रुपये का बजट पास किया है.