चक्रवात के कारण हुई बारिश के बाद कोलकाता की वायु गुणवत्ता में आया 80 से 90 प्रतिशत तक सुधार…

07 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों और पर्यावरणविदों ने मंगलवार को कहा कि पिछले कुछ दिनों में शहर में चक्रवात जवाद से हुई बारिश के बाद कोलकाता की वायु गुणवत्ता में लगभग 80 से 90 प्रतिशत सुधार आया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार मंगलवार सुबह सात बजे विक्टोरिया मेमोरियल में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 20 दर्ज किया गया जिसे अच्छा माना जाता है, बालीगंज में 43 (अच्छा), रवींद्र सरोबार में 33 (अच्छा), और रवींद्र भारती विश्वविद्यालय में 51 (संतोषजनक) दर्ज किया गया.

पर्यावरण विद् एस एम घोष ने बताया, “कोलकाता के एक्यूआई में अधिकतम 90 प्रतिशत और न्यूनतम 80 प्रतिशत सुधार शहर में चक्रवात के कारण हुई बारिश के बाद दर्ज किया गया. यह पिछले 40 वर्षों में दिसंबर के महीने में शहर के लिए एक रिकॉर्ड निचला स्तर था.

बंगाल में लगातार दो दिनों तक हुई बारिश

चक्रवाती तूफान जवाद के कारण पश्चिम बंगाल में लगातार दो दिनों तक बारिश हुई. यह निम्न दबाव यह अब गंगीय पश्चिम बंगाल और दक्षिण बांग्लादेश के ऊपर एक गहरी नींद में दबाव के क्षेत्र के रूप में स्थित है. संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. वहीं, एक ट्रफ रेखा गंगीय पश्चिम बंगाल और दक्षिण बांग्लादेश पर बने हुए गहरे ने में दबाव से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण से लेकर तटीय ओडिशा तक तटीय आंध्र प्रदेश तक फैली हुई है. हालांकि मंगलवार को मौसम में सुधार होने लगा है. मौसम विभाग का अनुमान है कि बंगाल में 15 दिसंबर से सर्दी पड़ेगी. अगले कुछ दिनों में तापमान गिरने की संभावना है.

फसलों का काफी हुआ नुकसान

पिछले 24 घंटों की बात करें, तो गंगीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा के उत्तरी तट पर मध्यम से भारी बारिश हुई. बारिश के कारण बंगाल में फसलों का काफी नुकसान हुआ है. दक्षिण 24 परगना सहित राज्य के कई जिलों में सब्जी को काफी नुकसान पहुंचा है. भांगड़ के दो प्रखंडों की कुल 19 ग्राम पंचायतों में से 8% लोग कृषि पर निर्भर हैं. इस साल एक के बाद एक प्राकृतिक आपदा से किसान तबाह हो गए हैं. पहले चक्रवाती तूफान यास के बाद अब जवाद ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. इससे किसान चिंतित हैं.